निर्दलीय प्रत्याशी माला ने छोड़ा मैदान, अब दौड़ में 13..
आप पार्टी को मिल सकता है निर्दलीय प्रत्याशी का साथ..
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी माला तिवारी के नाम वापसी के बाद अब 13 प्रत्याशी चुनावी समर में है। निर्दलीय प्रत्याशी के नाम वापसी का फायदा आम आदमी पार्टी प्रत्याशी सुमन्त तिवारी को मिल सकता है। दूसरी तरफ कम्युनिस्ट पार्टी प्रत्याशी राजाराम सेमवाल को भी जनता जनार्दन का अपार सहयोग मिल रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी प्रत्याशी राजाराम सेमवाल को जहां पूर्व जिला पंचायत सदस्य रहने का फायदा मिल रहा है, वहीं वे हमेशा गौरीकुण्ड में मजदूर हितों के लिए संघर्षरत का फायदा भी उन्हें मिल सकता है। माला तिवारी के नाम वापसी के बाद अब केदारनाथ विधानसभा सीट पर 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जबकि 2017 के चुनाव की तुलना में इस बार चार प्रत्याशी अधिक चुनाव मैदान में हैं।
माला तिवारी के नाम वापसी का फायदा सीधा आम आदमी पार्टी सुमन्त तिवारी को मिलेगा, क्योंकि माला तिवारी व आम आदमी पार्टी सुमन्त तिवारी एक ही क्षेत्र पंचायत वार्ड के रहने वाले हैं तथा यदि माला तिवारी सुमन्त तिवारी के समर्थन में खुलकर प्रचार में उतरती हैं तो सुमन्त तिवारी को अपार समर्थन मिलने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। तल्लानागपुर की बात करें तो पूर्व में तल्लानागपुर का मतदाता हमेशा निर्णायक की भूमिका में रहा है, मगर इस बार तल्लानागपुर से कुमोली निवासी निर्दलीय प्रत्याशी सूरज सिंह व निर्दलीय प्रत्याशी रेखा देवी तल्लानागपुर की माटी से ताल्लुक रखते हैं। दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों के तल्लानागपुर की माटी से ताल्लुक रखने का नुकसान भाजपा-कांग्रेस के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत को भी झेलना पड़ सकता है।
आम आदमी पार्टी प्रत्याशी सुमन्त तिवारी, पीपुल्स पार्टी प्रत्याशी मनोज तिनसोला व सपा प्रत्याशी बद्रीश तीनों एक ही क्षेत्र से होने के कारण मत प्रतिशत में बिखराऊ की संभावनाएं बनी हुई है। एक मात्र क्षेत्रीय दल उत्तराखण्ड क्रांति दल प्रत्याशी गजपाल के समर्थन में धीरे-धीरे जन सैलाब उमड़ने से गजपाल रावत ने भी एक तरफ से मतदाताओं पर सेंधमारी शुरू कर दी है। बसपा प्रत्याशी श्याम लाल के चन्द्रापुरी क्षेत्र से ताल्लुक रखने के कारण क्षेत्र के वोट बैंक पर खासी सेंधमारी की जा सकती है।
जबकि परकण्डी क्षेत्र के निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप सिंह के पक्ष में खासा वोट बैंक पड़ सकता है। निर्दलीय प्रत्याशी देवेश नौटियाल के क्षेत्र से किसी अन्य प्रत्याशी के चुनाव मैदान न होने से देवेश नौटियाल किसी भी प्रत्याशी की बाजी में उलटफेर कर सकते हैं। कुल मिलाकर केदारनाथ विधानसभा सीट पर वर्तमान आंकड़ों पर गौर करें तो मुकाबला काफी रोचक बना हुआ है, मगर मतदाताओं की खामोशी प्रत्याशियों के लिए चिंता का सबब बन गई है।
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