जंगल की आग ने लिया विकराल रूप, बुझाते वक्त झुलसे कई लोग..
उत्तराखंड: जंगलों की आग विकराल रूप धारण करती जा रही है। जंगलों में आग लगने का सिलसिला रुक नहीं रहा है। विकासखंड भिकियासैंण के कुम्हार्ती गांव में आग बुझाते समय गोमती देवी आग चपेट में आ गई। जिसकी जान उसकी दो पोतियों ने किसी तरह बचाई।
लगभग 63 फीसदी जली वृद्धा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। पिथौरागढ़ के पनखोली गांव में लगी आग से ग्रामीणों के सात लुट्टे और जलौनी लकड़ी का ढेर जल गया। इस आग को बुझाने में भी दो युवक मामूली रूप से झुलस गए।
चौखुटिया की ग्राम पंचायत कबडोली के ढकढकी गांव में बृहस्पतिवार रात पहुंची जंगल की आग में आधे दर्जन गोशालाओं सहित ग्रामीणों की घास और लकड़ी जलकर राख हो गईं। जिसमे नजदीकी ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने पहुंचकर आग पर काबू पाया।
वही बागेश्वर नगर के नजदीकी गांव नदीगांव में बृहस्पतिवार की रात जंगल में आग लग गई। स्थानीय लोगों और वन विभाग की टीम ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। फायर सीजन में डेढ़ महीने के भीतर जिले में जंगलों में आग लगने की 35 से अधिक घटनाएं हो चुकीं हैं।
अल्मोड़ा में बृहस्पतिवार देर शाम जंगल की आग की चार घटनाएं हुईं। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ मार्ग पर तोली के पास के जंगल में आग लग गई। आग बुझाकर दमकल कर्मी स्टेशन पहुंचे ही थे कि उन्हें कर्नाटकखोला के जंगल धधकने की सूचना मिली।
वहीं, टिहरी जिले के कीर्तिनगर क्षेत्र में पांचवें दिन भी जंगल आग मेें जलते रहे। यहां मंगसू गांव तक लगभग 10 किलोमीटर क्षेत्र में करीब आठ स्थानों में आग फैल गई। वहीं गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर से सटे क्षेत्र में आग लगने से पूरा क्षेत्र धुएं के गुबार से भर गया। इधर, वन विभाग अभी तक आग पर नियंत्रण नहीं पा सका है।
उधर, गढ़वाल विवि के चौरास स्थित आवासीय परिसर के समीप जंगल आग में स्वाहा हो गया। बाद में बड़कोट की ओर आग फैल गई। विवि के प्रो. एमएम सेमवाल ने कहा कि आवासीय परिसर के समीप आग लगने से सभी चिंतित हो गए थे। आग परिसर में भी फैल सकती थी।