उत्तराखंड

आईआईटी रुड़की एक हफ्ते में बताएगा- हेलंग बाईपास बनेगा या नहीं..

आईआईटी रुड़की एक हफ्ते में बताएगा- हेलंग बाईपास बनेगा या नहीं..

 

 

 

 

 

सामारिक लिहाज से अति महत्वपूर्ण व चर्चित हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पर काम आगे बढ़ेगा या नहीं ये एक हफ्ते में पता चल जाएगा। राज्य सरकार व सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने आईआईटी रुड़की को जांच कर सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।

 

 

उत्तराखंड: सामारिक लिहाज से अति महत्वपूर्ण व चर्चित हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पर काम आगे बढ़ेगा या नहीं ये एक हफ्ते में पता चल जाएगा। राज्य सरकार व सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने आईआईटी रुड़की को जांच कर सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। आईआईटी रुड़की यह जांच करेगी कि हेलंग-मारवाड़ी बाईपास बनाने का काम फिर से शुरू करने से कहीं जोशीमठ का भू धंसाव और तो नहीं बढ़ जाएगा।

सरकार का लक्ष्य सेना की मांगों और बद्रीनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण शुरू करना है। हालांकि, जब तक आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट को मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक वह आगे नहीं बढ़ सकता है। शासन में मंगलवार को बीआरओ के अधिकारियों से इसको लेकर लंबी चर्चा हुई। आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा का कहना हैं कि बीआरओ के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर राजीव श्रीवास्तव ने उन्हें पूरे परिदृश्य से अवगत कराया हैं

उनका कहना हैं कि बीआरओ को बाईपास के काम को आगे बढ़ाने के लिए तकनीकी रिपोर्ट का इंतजार है। बीआरओ ने इस संबंध में आईआईटी रुड़की को एक पत्र भी लिखा है। उनका कहना हैं कि जोशीमठ की दरारों के कारण बाइपास का निर्माण 5 जनवरी को अचानक रोक दिया गया। जो लगभग छह महीने पहले शुरू हुआ था। इस बीच हेलंग और मारवाड़ी दोनों तरफ से कटिंग का काम किया जा रहा था।

आपको बता दे कि इस बाईपास मार्ग पर दो पुल भी बनाए जाएंगे। जिनमें अभी समय लगेगा। डा. सिंह का कहना हैं कि हमारी कोशिश यही है कि बाईपास का काम शीघ्र शुरू हो और उस पर तेजी से निर्माण कार्य किया जा सके। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की टीम ने भी बाईपास साइट का दौरा किया है। ये टीम केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

 

हमेशा विवाद में रही योजना..

1- 1988-89 में पहली बार योजना को मिली थी मंजूरी

2- 30 साल से चल रहा था विवाद

3- 2021 में केन्द्र सरकार ने दी थी हरी झंडी

 

 

 

 

 

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