उत्तराखंड

पहाड़ों में भारी बारिश से नदियां उफानाईं, ग्रामीण सड़कें बंद ..

पहाड़ों में भारी बारिश से नदियां उफानाईं, ग्रामीण सड़कें बंद ..

पहाड़ों में भारी बारिश से नदियां उफानाईं, चीन सीमा को जोड़ने वाले तीन मार्ग बंद…

उत्तराखंड : पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। काली नदी खतरे के निशान से दो मीटर नीचे बह रही है। भारी बारिश के कारण चीन सीमा को जोड़ने वाले तीन मार्ग और सात ग्रामीण सड़कें बंद हैं। लोगों ने बंद पड़ी सड़कों को शीघ्र खोलने की मांग की है। भारी बारिश के कारण चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट-लिपुलेख, तवाघाट-सोबला और सोबला-दर-तिदांग सड़क कई दिनों से बंद है। कार्यदायी संस्थाएं पिछले कई दिनों से सड़कों को खोलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण सड़क खोलने में दिक्कत आ रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली बांस-आंवलाघाट, कुसेरी बैंड-सिलौनी, बांसबगड़-गूंठी, आदिचौरा-सिन्नी, मसूरी कांडा-होकरा, स्यांकुरी-धामीगांव, छिरकिला-जम्कू सड़क बंद है। सड़क बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी सामान की किल्लत होने लगी है। लोगों ने शीघ्र सड़कों को खोलने की मांग की है।

इधर, अल्मोड़ा-कौसानी हाइवे पर सैलीग्वाड़ के पास सोमवार सुबह दस बजे को भारी मलबा आने से सड़क चार घंटे बंद रही। सड़क के दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गईं। चार घंटे बाद दो बजे बाद मोटर मार्ग खुला, तब लोगों यातायात सुचारू हो सका।मरचूला में रामगंगा नदी में रविवार को बहे मुरादाबाद निवासी पर्यटक पिता-पुत्र का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है। एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व कर्मी और स्थानीय लोग उनकी खोज में जुटे हैं, पर उनका कोई पता नहीं लग सका है।

 

रविवार को मुरादाबाद के बैंक कॉलोनी पूनम विहार राजीव नगर वार्ड नंबर-6 (मुक्तेश्वर) निवासी राजेश कुमार (30) पुत्र राम अवतार अपने भाई जयवीर सिंह और परिजनों के साथ मरचूला घूमने आए थे। दिन में ग्यारह बजे सभी लोग मरचूला में रामगंगा नदी में नहाने गए। ऊपरी क्षेत्रों में बारिश होने से एकाएक नदी में बाढ़ आ गई। अन्य परिजन तो नदी से बाहर निकल आए, लेकिन राकेश कुमार उनका आठ वर्षीय पुत्र कार्मिक नदी में बह गया। स्थानीय गोताखोरों, पुलिस और राजस्व कर्मियों ने इसके बाद उनकी ढूंढखोज की, लेकिन कहीं कोई पता नहीं लग सका।

रविवार देर शाम अल्मोड़ा से एसडीआरआफ की टीम भी मरचूला पहुंच गई थी। सोमवार को सुबह आठ बजे से एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व कर्मियो ने स्थानीय लोगों की मदद से पुन: खोज को अभियान शुरू किया। मरचूला से 11 किमी आगे तक रेस्क्यू अभियान चला। वहीं रामगंगा नदी के नैनीताल जिले में पड़ने वाले दो किमी हिस्से में भी अभियान चलाया गया। कालागढ़ डैम क्षेत्र में भी ढूंढखोज की गई। सल्ट के तहसीलदार दलीप सिंह ने बताया कि अब तक नदी में बहे पिता पुत्र का कोई पता नहीं लग सका है।  उन्होंने बताया कि राजेश कुमार के भाई जयवीर सिंह यहीं रुके हैं, जबकि छोड़कर पत्नी और अन्य परिजन मुरादाबाद वापस लौट गए हैं।

 

सुमगढ़ के ऐठाणवण में हादसे के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है। हादसे में बाल-बाल बचे मासूम गुलशन और उसके दादा प्रताप सिंह ने अपने पुराने मकान में शरण ली है। बीते शनिवार की रात कपकोट के सुमगढ़ ग्राम पंचायत के ऐठाणवण तोक में भूस्खलन के मकान ध्वस्त हो गया था। हादसे में गृह स्वामी गोविंद सिंह पंडा, उनकी पत्नी खष्टी देवी और सात साल के हिमांशु की मौत हो गई थी। हादसे में गोविंद सिंह का पुत्र गुलशन बाल-बाल बच गया था। गुलशन के दादा प्रताप सिंह हादसे के दिन घर पर नहीं थे। मृतक गोविंद सिंह का बड़ा पुत्र लक्की अपनी बुआ के पास पंजाब में रहता है। हादसे के बाद से गांव के लोग बेहद गमगीन हैं। हर कोई गुलशन, लक्की और बुजुर्ग प्रताप सिंह पर टूटे दुख के पहाड़ की चर्चा कर रहा है। मृतक गोविंद सिंह के भतीजे कवींद्र सिंह ने मृतकों का क्रियाकर्म शुरू कर दिया है।

बनबसा में 100 मिमी बारिश रिकॉर्ड..

क्षेत्र में रविवार सुबह आठ बजे से सोमवार सुबह आठ बजे तक 100 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। बैराज के प्रभारी अटेंडेंट जेई संजय सिंह ने बताया कि पिछले 48 घंटों में क्षेत्र में 201 मिमी वर्षा हो चुकी है। रविवार को शारदा नदी का जलस्तर सुबह आठ बजे बाद एक लाख क्यूसेक पहुंच गया था, जो दोपहर बाद एक बजे सर्वाधिक 1.52 लाख क्यूसेक तक पहुंचा लेकिन शाम सात बजे बाद नदी का जलस्तर घटकर 98130 क्यूसेक रह गया। इसके बाद बैराज पर वाहनों का संचालन बहाल कर दिया गया। सोमवार सुबह आठ बजे जलस्तर 63899 क्यूसेक और दोपहर 12 बजे 59930 हो गया। शारदा बैराज से पावर चैनल और नहर में पानी छोड़ने के बाद एनएचपीसी और लोहियाहेड पावर हाउस में बिजली उत्पादन शुरू हो गया है।

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