दान में मिलने वाले नेत्रों की संख्या जरुरत से बहुत कम: डाॅ गुंसाई..
नेत्रदान पखवाड़े के मौके पर छः स्थानों पर जागरूकता संगोष्ठियों का आयोजन..
रुद्रप्रयाग। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में 37वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के शुभारंभ मौके पर जनपद में छः स्थानों पर जागरुकता संगोष्ठियों व दो स्थानों पर नेत्र शिविरों का आयोजन किया गया। इस दौरान नेत्रदान के लिए जागरुकता पर जोर दिया गया व नेत्रदान से संबंधित शपथ पत्र भी भरे गए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ विमल सिंह गुंसाई ने बताया कि नेत्रदान जागरुकता के लिए आठ सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़े का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि लोग हर साल नेत्रदान कर रहे हैं, लेकिन दान में मिलने वाले नेत्रों की संख्या जरुरत से बहुत कम है। लिहाजा सभी को न सिर्फ नेत्रदान के लिए आगे आना होगा, बल्कि अपने आस-पास के सभी लोगों को भी नेत्रदान के लिए जागरुक करना होगा। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के तहत जनपद में नेत्र शिविरों का आयोजन, आशा व एएनएम द्वारा संबंधित रोगी को विटामिन ए की दवा पिलावाने व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नेत्रदान जागरुकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
कहा कि जनता को नेत्रदान के प्रति जागरुक करने के साथ-साथ उनसे नेत्रदान की शपथ दिलवाकर शपथ पत्र भी भरवाए जाएंगे। जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में डाॅ अमित अम्ब, नेत्र सहायक राजेश पुरोहित, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में डाॅ आकांक्षा निराला एवं नेत्र सहायक एसके सिंह ने नेत्रदान के विषय पर जरूरी जानकारी दी। साथ ही लोगों के नेत्रों की जांच भी की।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की पांच टीमों ने अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय गंधारी, सणगू, आंगनबाड़ी केंद्र बेलाखुरड़, जखोली ब्लाक के अंतर्गत बोरा व ऊखीमठ ब्लाक के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र मनसूना में संगोष्ठियों का आयोजन कर नेत्रदान के महत्व के बारे में जागरुक किया।
इस दौरान डाॅ आशीष थपलियाल ने कहा कि किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति मृत्यु से पूर्व स्वयं की मृत्यु होने पर नेत्रदान की प्रतिज्ञा कर सकता है। आंख मृत्यु के 6 घंटें में ली जानी होती है। इसलिए समीप वाले नेत्र बैंक या नेत्रदान केंद्र को तुरंत सूचित करना चाहिए।