उत्तराखंड

हरिद्वार महाकुंभ 2021: चैत्र पूर्णिमा पर शाही स्नान के लिए नहीं जाएंगे आम लोग..

हरिद्वार महाकुंभ 2021: चैत्र पूर्णिमा पर शाही स्नान के लिए नहीं जाएंगे आम लोग..

उत्तराखंड: आईजी कुंभ और मेला अधिकारी ने 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर होने वाले शाही स्नान की व्यवस्थाओं को लेकर बड़े अखाड़े के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। इस दौरान संतों ने कहा कि शाही स्नान के दौरान अखाड़े कोरोना की सभी गाइडलाइन का पालन करेंगे। साथ ही शाही स्नान के लिए जाते समय जुलूस में आम लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा।

 

आईजी कुंभ संजय गुंज्याल और मेला अधिकारी दीपक रावत ने तीनों बैरागी अखाड़ों और बड़ा उदासीन अखाड़े के संतों श्रीमहंत दुर्गादास, श्रीमहंत अद्वेतानंद, कोठारी दामोदर दास, व्यास मुनि, श्रीमहंत महेश्वर दास, निर्मल अखाड़े से देवेंद्र शास्त्री, कोठारी जसविंदर सिंह, नया उदासीन के सचिव जगतार मुनि से मुलाकात की।

अखाड़ों के पदाधिकारियों ने आईजी और मेला अधिकारी को आश्वासन दिया कि चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान के दौरान उत्तराखंड सरकार की सभी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। शाही जुलूस में अखाड़ों के साधु-संत सीमित संख्या में स्नान करेंगे।

वहीं, जुलूस के दौरान सीमित संख्या में ही वाहनों का प्रयोग किया जाएगा। शाही स्नान के दौरान आम लोगों को जुलूस में शामिल नहीं किया जाएगा। स्नान के लिए जो समय सारिणी मेला पुलिस-प्रशासन तय करेगा, उसका भी पूरी तरह से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह, सीओ यातायात कुंभ प्रकाश देवली, सीओ अखाड़ा प्रबोध घिल्डियाल एवं प्रभारी निरीक्षक कुंभ थाना कनखल भावना कैंथोला मौजूद रहे।

 

हरिद्वार में कोविड-19 संक्रमण की रफ्तार इतनी तेज हो गई है कि शुक्रवार को कोरोना काल में 24 घंटे में अब तक सबसे ज्यादा 1175 नए मरीज आने का रिकॉर्ड बन गया। प्रत्येक सवा मिनट की अवधि में एक पॉजिटिव मिला है। नए मरीजों की तुलना में ठीक होने वालों की दर मात्र दस फीसदी से गिरकर सात फीसदी आ गई है। जबकि प्रतिदिन सैंपलिंग की तुलना में संक्रमण की दर 5.53 फीसदी पहुंच गई है। कोरोना पर कंट्रोल नहीं हुआ तो संक्रमण की दर बढ़ने के साथ रिकवरी दर गिरेगी और हालात बेकाबू होने की आशंका होने लगी है।

 

कुंभ भीड़ कम होने से गिरने लगी सैंपलिंग..

हाईकोर्ट के आदेश पर कुंभ स्नान के दौरान सैंपलिंग का ग्राफ लगातार बढ़ा। कोर्ट ने 50 हजार आरटीपीसीआर सैंपल रोजाना करने के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग और मेला प्रशासन रोजाना 80 हजार तक सैंपल कर रहा था, लेकिन स्नान की भीड़ कम होने के साथ ही सैंपलिंग भी गिरने लगी है। औसतन रोजाना 20 से 22 हजार सैंपल हो रहे हैं।

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