उत्तराखण्ड महिला क्रिकेट टीम में हुआ गुंजन का चयन..
रुद्रप्रयाग के दूरस्थ गांव मक्कूमठ की निवासी है गुंजन..
रुद्रप्रयाग: एक ऐसे खेल में, जिसमें अभी तक पुरूषांे का ही वर्चस्व रहा हो, उस खेल में एक पहाड़ी लड़की को अपने को साबित करने के लिए क्या कुछ नहीं करना एवं सहना पड़ा होगा। वह भी ऐसे परिवेश में जहां लड़की का कोई भी ऐसा खेल खेलना जो केवल लड़कों के लिए ही बना हो। ऐसे में यदि लड़की कहे कि उसे क्रिकेट खेलना है तो फिर तो वह अजूबा ही नजर आयेगी। वह भी पहाड़ के अन्तिम छोर पर रहने वाली हो जहां लड़कों के लिए ही क्रिकेट सीखने के लिए संसाधनों का अभाव हो वहां एक लड़की कहे कि उसे भी क्रिकेट खेलना है तो लोग उसे कोतूहल से ही देखेंगे।
परन्तु जुनून की हद तक क्रिकेट के प्रति समर्पण को देखते हुए पिता को भी आखिर उसकी जिद्द के आगे हार माननी पड़ी, और कहना पड़ा जा गुंजन जा, जीले अपनी जिन्दगी। और आज उसने उत्तराखण्ड की महिला टीम में स्थान पक्का कर परिवार को गौरवान्वित होने का अवसर भी दे दिया। कहते हैं ना लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, रूद्रप्रयाग जनपद के दूरस्थ गांव मक्कूमठ की निवासी एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की गुंजन भण्डारी ने संघर्ष कर उत्तराखण्ड की महिला टीम में स्थान पक्का कर यह साबित किया है। गुंजन के पिता गोपाल भण्डारी वर्तमान में नागनाथ पोखरी में कोषाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
जबकि माता रोशनी देवी गृहणी हैं। एक भाई तथा दो बहिनों में गुंजन सबसे छोटी हैं। बड़ी बहिन की शादी हो चुकी है जबकि बड़ा भाई बीटेक कर चुका है। वह उत्तराखण्ड की महिला क्रिकेट टीम में बतौर ऑलराउण्डर शामिल हुई है। टीम वर्तमान में पुणे (महाराष्ट्र) में अभ्यास कर रही है। 31 अक्टूबर को टीम अपना पहला एक दिवसीय मैच मुम्बई के साथ खेलेगी। गुंजन का क्रिकेट का सफर बचपन में गली मोहल्लों में लड़कों के साथ खेलने से प्रारम्भ हुआ। प्राइमरी तक तो ठीक रहा। परन्तु छटवीं के बाद घर वालों ने पढ़ाई पर ध्यान देने का दबाब बनाया। वहीं लड़कों ने भी अकेली लड़की को अपने साथ खिलाने से मना कर दिया।
फिर भी कभी कभी अपनी सहेली को साथ लेकर क्रिकेट खेलने आ जाती। परन्तु पिता के कहने पर पहले पढ़ाई फिर खेल को वरीयता देते हुए पूरी तरह से पढ़ाई में जुट गई। पढ़ाई पूरी करते ही उसने फिर से क्रिकेट खेलने की जिद्द की। मजबूर होकर पिता को भी सहमति देनी पड़ी। गुंजन का बचपन अगस्त्यमुनि में ही बीता। प्राथमिक शिक्षा ब्लूमिंग बड्स ग्रामर स्कूल में हुई जबकि हाईस्कूल एवं इण्टर गौरी मेमोरियल इण्टर कालेज से किया। उसके बाद विद्यापीठ गुप्तकाशी से फार्मेसी का डिप्लोमा लिया। वर्ष 2019 में डिप्लोमा पूर्ण होने के बाद से वह पूरी तरह से क्रिकेट में रम गई। बतौर गुंजन बचपन में उन्होंने शाकिया तोर परक्रिकेट खेलना प्रारम्भ किया था। परन्तु कब यह जुनून बन गया पता ही नहीं चला। पिता के मना करने के बाबजूद चोरी छिपे क्रिकेट खेलना चलता रहा।
वर्ष 2019 से से तो वे क्रिकेट के लिए पूरी तरह से समर्पित हो गई। उन्होंन बतायाकि वर्ष 2017 का महिला क्रिकेट विश्व कप उनके लिए एक टर्निंग प्वाइंट रहा। विश्व कप के फाइनल में इंग्लैण्ड के हाथां भारत की हार उनके लिए एक सदमा था। परन्तु इसने उन्हें क्रिकेट के लिए ओर जुनून पैदा किया। उनकासपना है कि वे एक दिन भारत की टीम का सदस्य बनकर इंग्लैण्ड से बदला लेगी। बताया कि क्रिकेट एसोसियेशन ऑफ उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित ट्रायल के लिए जब वे देहरादून आई तो कोच सचिन सैनी ने उसके खेल को देखा और उसे विधिवत अभ्यास के लिए बुलाया। यहीं से उसके खेल में दिनों दिन उन्नति होने लगी। जिसके परिणाम स्वरूप आज उत्तराखण्ड की महिला टीम में स्थान मिला है। गुंजन के पिता गोपाल भण्डारी ने बताया कि बचपन से उसे क्रिकेट से लगाव था।
परन्तु आजीविका के लिए पढ़ाई जरूरी थी। इसलिए उसे बार बार खेलने से मना करता रहा। एक बार उसने फार्मेसी की पढ़ाई पूरी कर ली तो हमने भी उसे क्रिकेट खेलने की पूरी आजादी दे दी। गुंजन के उत्तराखण्ड की महिला टीम में चयन होेने पर रूद्रप्रयाग जिला क्रिकेट एसोसियेशन भी गदगद है। हो भी क्यों नहीं आखिर गुंजन जनपद की पंजीकृत खिलाड़ी है और उसने यहीं से तो क्रिकेट की शुरूआत की थी। एसोसियेशन के अध्यक्ष कमलेश जमलोकी ने बताया कि गुंजन एक होनहार क्रिकेटर है उसमें सीखने की ललक और संघर्ष करने की क्षमता है। खेल विभाग में बतौर कोच रहते हुए उन्होंने उसे नेट प्रेक्टिस करवाई थी।
एसोसियेशन के सचिव अरूण तिवारी ने कहा कि गुंजन जनपद की महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी। निश्चित ही उसकी सफलता अन्य को भी क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित करेगी। गुंजन का उत्तराखण्ड की टीम में चयन होने पर पूरा जनपद गौरवान्वित हुआ है। विभिन्न खेल संघो, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़़े व्यक्तियों ने गुजन को बधाई देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। बधाई देने वालों में केदारनाथ विधायक मनोज रावत, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चैधरी, पूर्व विधायक शैलारानी रावत, आशा नौटियाल, जिपंअ अमरदेई शाह, पूर्व अध्यक्ष चण्डीप्रसाद भट्ट, बीकेडीसी के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक खत्री, जिपंस कुलदीप कण्डारी, पूर्व जिपंस सुलोचना देवी, बीरसिंह बुडेरा, दीपा देवी,प्रधान संगठन के अध्यक्ष विजयपाल राणा, पूर्व अध्यक्ष विक्रम नेगी, उत्तराखण्ड वीरांगना संगठन की जिलाध्यक्ष माधुरी नेगी, फुटबॉल एसोसियेशन के अध्यक्ष हर्षवर्धन बेंजवाल, सचिव हरेन्द्र बर्त्वाल, कबड्डी एसोसियेशन के प्रान्तीय उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह रौथाण, खेल प्रशिक्षक दीपक रावत, मनवर सिंह नेगी, जितेन्द्र रावत, नागेन्द्र कण्डारी, क्रिकेट एसोसियेशन के कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र राणा, उपाध्यक्ष अरूण चैधरी, सदस्य त्रिभुवन बिष्ट, व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन बिष्ट आदि रहे।