देहरादून में नशा मुक्ति केंद्र से हुई फरार हुई लड़कियां, मचा हड़कंप..
उत्तराखंड: किसी भी देश का भविष्य और देश की तरक्की देश के युवाओं पर टिकी होती है। देश की युवा पीढ़ी अगर गलत रास्ते चले जाए तो निश्चित तौर पर उनका जीवन अंधकार में चला जाता है। देश के युवा वर्ग को ज़िन्दगी के हर पहलु को जीने की इच्छा होती है। युवा वर्ग नशे को अपनी शान समझते है। युवा वर्ग शराब, गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट का नशा करते है। उनकी जश्न की पार्टी नशे के बगैर अधूरी है आजकल युवा वर्ग और कई व्यस्क लोग भी सिगरेट या शराब का सेवन करते हुए नज़र आते है। उन्हें यह समझ नहीं आता की यह उनके लिए आगे चलकर हानिकारक और जानलेवा साबित हो सकती है।
युवा वर्ग के लिए नशा एक फैशन बन गया है। जिन लोगों को नशे की आदत पड़ जाती है उनकी आदत फिर कभी भी नहीं छूटती। नशे का आदि व्यक्ति नशा करके विवेकशून्य हो जाता है और बेकार, असंगत और अनिर्गल प्रलाप करने लगता है। उसकी चेष्टाओं में अशलीलता का समावेश होने लगता है। वह शिक्षा, सभ्यता, संस्कार और सामाजिक मर्यादा को तोडकर अनुचित व्यवहार करने लगता है। गाली-गलोंच और मारपीट उसके लिए आम बात हो जाती है।
इसी नशे की लत ने देवभूमि उत्तराखंड के उभरते हुए शहरो में आज न सिर्फ लड़को को बल्कि लड़कियों को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है । जिसके कारण क़ई लोगों ने नशा छूडवाने को लेकर अपने बेटे, बेटियों को नशा मुक्ति केंद्र में रखा हुआ है। बता दें कि देहरादून के क्लेमनटाउन क्षेत्र के प्रकृति विहार में स्थित एक नशा केंद्र से चार लड़कियों के फरार होने की सूचना मिली है। जिसकी सूचना केंद्र संचालक ने पुलिस को दे दी है औऱ पुलिस इस वक्त लड़कियों की तलाश में जुट चुकी है।
जानकारी के अनुसार तीन लड़कियां देहरादून की औऱ एक लड़की हरिद्वार की बताई जा रही है जिनका नशा मुक्ति केंद्र में इलाज चल रहा था पर अचानक ये यहाँ से गायब हो गयी है जिसके बाद नशा मुक्ति केंद्र में हड़कंप मच गया हैं। आपको बता दें कि देहरादून में स्मेक से लेकर अन्य नशों की लत युवाओं में लगातार बढ रही है जिस कारण परिजन भी परेशान हैं औऱ अपने बच्चो का इलाज नशा मुक्ति केंद्र में करवा रहे हैं।