दुर्लभ संयोग में आज घरों में विराजेंगे गणपति बप्पा..
विघ्न विनाशक मंगलमूर्ति श्री गणेश आज शुभ मुहूर्त में पंडालों और घरों में विराजेंगे। गणेश चतुर्थी पर हर गली और नुक्कड़ पर मंगलमूर्ति की मूर्ति स्थापित की जाएगी।
उत्तराखंड: विघ्न विनाशक मंगलमूर्ति श्री गणेश आज शुभ मुहूर्त में पंडालों और घरों में विराजेंगे। गणेश चतुर्थी पर हर गली और नुक्कड़ पर मंगलमूर्ति की मूर्ति स्थापित की जाएगी। गजानन को उनके पसंदीदा मोदक का भोग लगाया जाएगा। बुधवार से शुरू हुए आयोजन दस दिन तक चलेंगे।
आपको बता दे कि वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाते हैं। इस साल यह त्योहार 31 अगस्त को मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी का अवतरण हुआ था। इस दिन को गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। इस दिन गणेशजी की प्रतिमा भी घर-घर में स्थापित की जाएंगी।
पीओपी से बनी गणेश प्रतिमा की स्थापना करने से बचना चाहिए। ये मूर्तियां पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं। मिट्टी से बनी प्रतिमा धर्म और पर्यावरण के लिहाज से सबसे अच्छी होती है। इसके साथ ही हल्दी, गोबर, श्वेतार्क, लकड़ी से बनी मूर्ति स्थापित की जा सकती हैं।
खास बात यह है कि इस साल वो सारे संयोग बन रहे हैं, जो गणेशजी के जन्म पर बने थे। दिन बुधवार, तिथि चतुर्थी, नक्षत्र चित्रा और मध्याह्न काल यानी दोपहर का समय। इसके साथ ही रवि योग का भी शुभ संयोग बन रहा है।
गणेशजी की प्रतिमा को स्थापित करने के बाद दुर्वा, लड्डू से विधि-विधान पूजन करना चाहिए। पुराणों के अनुसार भगवान गणेश को भोलेनाथ के आशीर्वाद से ही प्रथम पूज्य देवता का स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करने से सारे काम सफल होते हैं।