कोरोनाकाल में नहीं मिला राहत का ‘बूस्टर..
व्यापारियों और आम लोगों ने बताया सिर्फ झुनझुना..
उत्तराखंड: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल का मंगलवार को चौथा बजट जारी किया। पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए आम बजट से आम लोगों को बड़ी उम्मीद थी।
लोगों को निराश किया..
कोरोनाकाल में आर्थिक तंगी से जूझने वाले व्यापारियों को पैकेज के रूप में बूस्टर डोज मिलने की उम्मीद लगी थी। लेकिन बजट ने व्यापारियों एवं मध्यम वर्ग के लोगों को निराश किया है। उनका कहना है कि महंगाई रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। सरकार ने आम लोगों को सिर्फ झुनझुना थमाया है।
बीते दो सालों से कोरोना का सर्वाधिक असर बाजार पर पड़ा है। व्यापारियों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। घर चलाना तक मुश्किल हो गया है। बजट से काफी उम्मीद थी, जो निराशा में बदल गई। सरकार ने कपड़े, चप्पल, जूते, हीरे की ज्वेलरी, खेती के सामान, मोबाइल एवं मोबाइल चार्जर पर जरूर कुछ हद तक टैक्स में कमी करने की घोषणा की है, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।