छः महीने से अधिकारी विहीन है जिले का शिक्षा विभाग..
राजकीय शिक्षक संघ ने जताई कड़ी नाराजगी..
अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने पर बोर्ड परीक्षाओं का होगा बहिष्कार..
रुद्रप्रयाग। जनपद में शिक्षा विभाग विगत 6 माह से ज्यादा समय से अधिकारी विहीन हो रखा है। सरकार का जनपद के प्रति उदासीन रवैये से राजकीय शिक्षक संघ ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर संगठन ने उच्च अधिकारियों से लेकर दोनों विधायकों से मांग की, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जबकि कुछ दिन पूर्व शिक्षा विभाग में पदोन्नति पाए अधिकारियों की नियुक्ति हुई है, मगर जनपद को एक भी अधिकारी नहीं दिया गया।
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि जनपद में अधिकारी न होने के कारण शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। सरकार एक तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ ही इस वर्ष बेहतर बोर्ड परीक्षा परिणाम रहने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर जनपद में शिक्षा विभाग को भगवान भरोसे छोड़ रखा है। जनपद में 9 अधिकारियों के पद सृजित हैं। उनमें केवल एक पूर्णकालिक खंड शिक्षा अधिकारी कार्यारत हैं। राजकीय शिक्षक संघ के जिलला उपाध्यक्ष शीशपाल पंवार ने जिलाध्यक्ष नरेश भट्ट व जिलामंत्री आलोक रौथाण के हवाले से कहा कि बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं। बोर्ड परीक्षाओं के सफल संचालन की जिम्मेदारी अधिकारियों की रहती है।
यह समझ से परे है कि अधिकारी विहीन जनपद में बोर्ड परीक्षा का सफल संचालन कैंसे होगा। इसकी जिम्मेदारी कौन तय करेगा। जनपद में शिक्षकों के प्रकरण विगत छः माह से लंबित पड़े हैं। जिससे शिक्षकों में भारी आक्रोश पनप रहा है। संघ के संरक्षक हर्षवर्धन रावत, वरिष्ठ सलाहकार विजय बैरवाण, कोषाध्यक्ष मित्रानंद मैठाणी, जिला उपाध्यक्ष महिला ललिता रौतेला, जिला संयुक्त मंत्री दीपक नेगी, जिला संयुक्त मंत्री महिला कुसुम भट्ट, संगठन मंत्री सरोज सिंह नेगी, संगठन मंत्री महिला विमला राणा, गंगाराम सकलानी ने जनपद के दोनों विधायकों से भी अनुरोध किया कि जल्द से जल्द जनपद में अधिकारियों की नियुक्ति के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाए। यदि सरकार जनपद में अधिकारियों की नियुक्ति जल्दी नहीं करती है तो संगठन बोर्ड परीक्षाओं का बहिष्कार जैसा कड़ा कदम उठाने के लिए पीछे नहीं हटेगा।