उत्तराखंड

उत्तरकाशी में फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके..

उत्तरकाशी में फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके..

 

 

 

 

 

गुरुवार की सुबह उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आसपास के इलाकों में भूकंप के झटकों से लोगों की नींद उड़ गई। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता तीन थी, जिसका केंद्र उत्तरकाशी में मांडों के जंगलों में जमीन से पांच किमी नीचे था।

 

 

 

 

उत्तराखंड: गुरुवार की सुबह उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आसपास के इलाकों में भूकंप के झटकों से लोगों की नींद उड़ गई। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता तीन थी, जिसका केंद्र उत्तरकाशी में मांडों के जंगलों में जमीन से पांच किमी नीचे था। इस इलाके में पिछले महीने भूकंप के पांच झटके भी महसूस किए गए थे। 1991 में आए भयानक भूकंप से तबाह हुए इलाके में बीते मार्च महीने से भूकंप के झटके आ रहे हैं। 4 मार्च की देर रात इस इलाके में भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए थे। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल के अनुसार 2.5 थी। इसका केंद्र भटवाड़ी तहसील के अंतर्गत सिरोर के जंगलों में था।

इसके बाद होली के त्यौहार पर 8 मार्च को सुबह 10ः07 पर भी भूकंप का झटका महसूस किया गया था। जिसकी तीव्रता 2.5 मापी गई थी। इसके बाद 21 मार्च की रात 10:20 बजे भूकंप का झटका आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.6 मापी गयी थी। जिसका केंद्र अफगानिस्तान में हिंदू कुश पर्वत क्षेत्र में था। आज गुरुवार सुबह 5:40 बजे फिर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3 मापी गई, हालांकि भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। लेकिन बार-बार आ रहे भूकंप के इन झटकों से लोगों में दहशत का माहौल है।

कैसे आता है भूकंप?

आपको बता दे कि धरती के भीतर प्लेटों का आपस में टकराना भूकंप का प्रमुख कारण है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता..

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते।

वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है। लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

 

 

 

 

 

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