राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने पहला भाषण देकर भारत को ठहराया जिम्मेदार..
देश-विदेश : व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले सार्वजनिक भाषण में जलवायु का मुद्दा उठाया और बेहद भेदभावपूर्ण पेरिस समझौते से फिर से जुड़ने को लेकर अपने उत्तराधिकारी जो बाइडन की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि जब अमेरिका पहले से ही स्वच्छ है, लेकिन चीन, रूस और भारत स्वच्छ नहीं है तो ऐसे में इससे जुड़ने का क्या फायदा है. फ्लोरिडा के ओरलैंडो में कंजरवेटिव राजनीतिक कार्रवाई समिति में अपने संबोधन में 74 वर्षीय नेता ने बिना बेहतर सौदा किये पूर्ण रूप से भेदभावकारी एवं महंगे पेरिस समझौते में अमेरिका को वापस लाने को लेकर बाडइन प्रशासन को खूब खरी खोटी सुना ली। उन्होंने 20 जनवरी को व्हाइट हाउस छोड़ा था.
उन्होंने कहा, ”सर्वप्रथम, चीन ने 10 सालों में कोई कदम नहीं उठाया है, रूस पुराने मापदंड पर चलता है जो स्वच्छ मापदंड नहीं है, लेकिन हम शुरू से ही इसकी चपेट में आ गए जब हमें हजारों एवं लाखों नौकरियां गंवानी पड़ी थी, यह त्रासदी थी लेकिन वे पीछे चले गये. ट्रंप ने अपने समर्थकों की वाहवाही के बीच कहा, ”हमारे पास सबसे स्वच्छ हवा एवं पानी है लेकिन उसका तब क्या लाभ है जब हम तो स्वच्छ हैं लेकिन चीन नहीं है, रूस नहीं है और भारत स्वच्छ नहीं है, वे धुंआ छोड़ रहे हैं. आप जानते हैं कि हमारी दुनिया ब्रह्मांड का एक छोटा टुकड़ा है और हम हर चीज बचाने का प्रयास करते हैं.
19 फरवरी को अमेरिका ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते में आधिकारिक रूप से लौट आया था। उससे 107 दिन पहले वह तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश पर इससे अलग हो गया था.