पपड़ासू में पेयजल संकट के लिए जिम्मेदार है कंपनी
रुद्रप्रयाग। विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत पपड़ासू में गंभीर पेयजल संकट को देखते हुए जिलाधिकारी मंगेष घिल्डियाल ने जीवीके के अधिकारियों का जवाब-तलब किया। उन्होंने जीवीके को आदेश दिए कि पेयजल योजना निर्माण के लिए जल्द पैसा अवमुक्त करें। उन्होंने समय पर पैसा अवमुक्त न होने पर अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
दरअसल, ग्राम पंचायत पपड़ासू में द्यूल सेरा पेयजल स्रोत से पानी की सप्लाई होती है। इस योजना का रख-रखाव जल संस्थान के अधीन है। श्रीनगर जल विद्युत परियोजना निर्माण से अलकनंदा में बनी झील के कारण वर्ष 2013 से पेयजल योजना बार-बार क्षतिग्रस्त है। तब से ग्रामीण बारिश या फिर अलकनंदा का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि पेयजल योजना तक पहुंचने का मार्ग भी पानी में डूब गया है। ऐसे में ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर पेयजल योजना दुरूस्त करनी पड़ती है। कुछ दिन योजना पर पानी चलने के बाद फिर योजना क्षतिग्रस्त हो जाती है।
जिला पंचायत सदस्य आषा डिमरी और ग्राम प्रधान शशि देवी ने जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को गांव की समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि गांव में पानी का गंभीर संकट है। क्षतिग्रस्त योजना को ठीक करने के लिए गांव के युवाओं को जान हथेली पर रखकर नदी में कूदना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जीवीके कंपनी हर बार आश्वासन देती है कि कंपनी योजना का निर्माण करेगी, लेकिन आज तक किसी स्तर पर कार्यवाही नहीं हुई।
मंगलवार को जीवीके के समन्वयक संतोश रेड्डी ने जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल से मुलाकात की। इस दौरान जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को योजना निर्माण के लिए स्टीमेट बनाने के आदेष दिए। इस पर जीवीके के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में पेयजल योजना के लिए 18 लाख रुपए का स्टीमेट बनाया गया था। अब योजना की लागत बढ़ा दी गई है। इसलिए समय पर पैसा अवमुक्त नहीं हो पाया। इस पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को कहा कि एक सप्ताह के भीतर योजना का स्टीमेट तैयार कर जीवीके कंपनी को भेजा जाए। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों को यह भी कहा कि योजना के निर्माण के लिए शुरुआती चरण में पैसा जारी कर दें। ऐसा न होने पर कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।