धामी सरकार का बड़ा फैसला, 1800 गांव में खत्म की ये व्यवस्था..
इतिहास और सांस्कृतिक परिवेश से अनजान शासकों और प्रशासकों के कारण भारत की बेमिसाल पटवारी पुलिस अब इतिहास के पन्नों में गुम हो रही है। इसके लिए धामी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शासन ने पटवारी कानून व्यवस्था में सुधार करते हुए 1800 गांवों को नियमित पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
उत्तराखंड: इतिहास और सांस्कृतिक परिवेश से अनजान शासकों और प्रशासकों के कारण भारत की बेमिसाल पटवारी पुलिस अब इतिहास के पन्नों में गुम हो रही है। इसके लिए धामी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शासन ने पटवारी कानून व्यवस्था में सुधार करते हुए 1800 गांवों को नियमित पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
आपको बता दे कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के कई इलाकों में राजस्व पुलिस व्यवस्था को रेगुलर पुलिस क्षेत्र में लाने के दृष्टिगत पहले चरण में 52 थाने व 19 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों की सीमा का विस्तार किया गया है। इसके ज़रिए 1800 राजस्व पुलिस ग्रामों को पुलिस क्षेत्र में अधिसूचित किया गया है।
बताया जा रहा है कि इसी क्रम में दूसरे चरण में 06 नए थानों व 20 पुलिस चौकियों के गठन हेतु प्रक्रिया गतिमान है। दूसरे चरण में लगभग 1444 राजस्व गाँवों को रेगुलर पुलिस के अन्तर्गत अधिसूचित किये जाने की कार्यवाही जल्द पूरी की जाएगी।
गौरतलब है कि पहाड़ों की सड़कों पर नियमित पुलिस का राज चलता है, जबकि सड़कों से नीचे या ऊपर गांवों में पटवारी पुलिस का राज चलता रहा है। पटवारी राज में पुलिस का काम पटवारी करता था। लेकिन समय बदलने के साथ-साथ अब पहाड़ों के ग्रामों में भी क्राइम बढ़ने से पिछले करीब दस सालों से पटवारी पुलिस व्यवस्था समाप्त करने की मांग उठ रही थी। ऐसे में अब शासन ने बड़ा कदम उठाया है।