देश/ विदेश

2019 के बाद से 14 हजार से ज्यादा बांग्लादेशियों को वापस भेजा..

2019 के बाद से 14 हजार से ज्यादा बांग्लादेशियों को वापस भेजा..

9223 को सीमा पर पकड़ा..

देश – विदेश : रिपोर्ट के अनुसार 1 जनवरी 2019 से 28 अप्रैल 2022 तक कम से कम 4896 बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में घुसते हुए पकड़ा गया।

बीएसएफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के बाद से भारत-बांग्लादेश सीमा से करीब 14 हजार बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजा गया है और उन्हें भारत में घुसने से रोका गया।

एक जनवरी 2019 से 28 अप्रैल 2022 तक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर 9233 ऐसे बांग्लादेशियों को पकड़ा गया था, जो भारत में अवैध तरह से रहने के बाद लौट रहे थे, जबकि इसी दौरान 4896 ऐसे बांग्लादेशी पकड़े गए, जो अवैध तरीके से पड़ोसी देश से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इस तरह कुल 14,361 बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पर पकड़ा गया है।

बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले या यहां से भागने वाले लगभग 80 फीसदी अवैध अप्रवासी बंगाल के दक्षिणी हिस्सों में बिना बाड़ और नदी की सीमाओं के कारण घुसते हैं। दक्षिण बंगाल की सीमा सुंदरबन से मालदा तक जाती है।

4096 किलोमीटर लंबी है भारत बांग्लादेश सीमा..

भारत बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। इसमें से दक्षिण बंगाल का सीमा क्षेत्र 913.32 किलोमीटर साझा करता है, जिसमें से 50 फीसदी से अधिक या तो बिना बाड़ का है या नदी से सटा है। कुछ स्थानों पर गांव सीमा पर स्थित हैं, जिससे सुरक्षा बलों को घुसपैठ का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

गृह मंत्रालय (एमएचए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस अवधि के दौरान उन्होंने समस्या से निपटने के लिए अपना दृष्टिकोण बदल दिया है। बांग्लादेश सीमाओं पर अवैध आव्रजन समस्या से निपटने के लिए, हमने सुरक्षा बलों से कहा है कि वे भारत में किसी भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं थे, यह सत्यापित करने के बाद अवैध घुसपैठियों को सद्भावना पूर्ण व्यवहार के रूप में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दें, क्योंकि उन्हें जेल में डालने का कोई मतलब नहीं है।

ज्यादातर लोग आजीविका की तलाश में करते हैं घुसपैठ..

अवैध रूप से सीमा पार करने वाले ज्यादातर लोग आजीविका की तलाश में आए हैं। दिसंबर 2019 में, संसद द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी देने के बाद, अवैध अप्रवासियों के प्रवास में वृद्धि हुई। वर्ष 2020 में केवल 1,214 प्रवासियों ने भारत में घुसने का प्रयास किया, जबकि 3,463 ने देश छोड़ा।

 

 

 

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