उत्तराखंड

गढ़वाली कवियों के नाम रही बैशाखी मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या..

लौकडौन ह्वयूं च, भितर ग्वड्यूं छूं, हडिग्यू चचड़ाट अर मुखड़ी मुज्जा पड़ीं च

रुद्रप्रयाग: अगस्त्य महोत्सव एवं बैशाखी मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या गढ़वाली कवियों के नाम रही। कवियों ने समाज में फैली कुरीतियों, कारोना एवं आम जन के आस पास की घटनाओं पर लिखी कविताओं को अपने चुटीले अन्दाज में सुनाकर खूब वाह वाही लूटी। कलश संस्था के तत्वावधान, ओम प्रकाश सेमवाल के संचालन एवं चन्द्रशेखर बेंजवाल की अध्यक्षता में संपंन हुए गढ़वाली कवि सम्मेलन की शुरूआत राइंका कण्डारा के 11 वीं कक्षा के छात्र एवं नवोदित कवि प्रियंक रावत ने अपने सुरीले अन्दाज में भाषा बचैण, बोली बचैण के आह्वान से किया।

 

युवा कवियित्री वेदिका सेमवाल ने आजकल समाज में हर कार्यक्रम में शराब परोसे जाने की प्रथा पर व्यंग करते हुए इसे परिवार एवं समाज के लिए हानिकारक बताया। कहा कि न भ्वौज ह्वौन्दू, न मवार ह्वौन्दी, न ब्यौ ह्वौन्दु न कै कामै शुरूवात ह्वौन्दी, शराब नि ह्वौन्दी ति क्वै काम नि ह्वौन्दू। भूपेन्द्र कप्रवाण ने अकर्मण्य मनुष्य के बारे में कहा कि मनखी जु कैकी गिनती मां न गाणी मां, युवा कवि एवं लेखक अश्विनी गौड़ ने लाॅकडाउन के समय एकान्तवास में रह रहे प्रवासी की पीड़ा को इस तरह सुनाया -लौकडौन ह्वयूं च, भितर ग्वड्यूं छूं, हडिग्यू चचड़ाट अर मुखड़ी मुज्जा पड़ीं च।

 

कार्यक्रम की सह संयोजिका कुसुम भट्ट ने कोरोना काल पर कविता सुनाते हुए कहा कि सैरू साल-पाल, चली ये कोरोना काल मां। गढ़वाली कविता के सशक्त हस्ताक्षर मुरली दीवान ने एक राजनैतिक कार्यकर्ता की दशा और व्यथा कुछ इस तरह से सुनाई – हम नूतन अलक्ष जगौणा छां, हम भ्रष्टाचार मिटौणा छां। कार्यक्रम के संयोजक और कलश संस्था के अध्यक्ष ओमप्रकाश सेमवाल ने वनों में लगी आग से हिमालय की चीत्कार को हिमालय धावड़ी मारणू च हिमालै…कविता के माध्यम से सजीव किया।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चन्द्रशेखर बेंजवाल ने कारोना काल की व्यथा कुछ इस प्रकार सुनाई, दुनियां मां उथल पुथल ह्वैगी, कोरोना एगी। इससे पूर्व कवि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्य सरकार में इको पर्यटन के सलाहकार पंकज भट्ट ने कहा कि इन मेलों से स्थानीय प्रतिभाओं को मंच मिलता है, जिससे वे अपने हुनर को और अधिक दक्ष कर पायें। कहा कि प्रदेश सरकार के सहयोग से केदारनाथ विधान सभा को ईको टूरिज्म का हब बनाने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।

 

इस अवसर पर उपस्थित बाॅलीवुड के जाने माने सिंगर गजेन्द्र वर्मा ने अपने गानों से दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं स्थानीय कलाकार पूर्व प्रधान बलबीर लाल ने मोहम्मद रफी का गाना गाकर प्रभावित किया। कार्यक्रम में मेला समिति के सचिव हर्षवर्धन बेंजवाल, संयोजक विक्रम नेगी, सहसंयोजक रमेश बेंजवाल, उपाध्यक्ष पृथ्वीपाल रावत, छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष लवकुश भट्ट, मनोज राणा, गिरीश बेंजवाल, गंगाराम सकलानी, रघुवीर असवाल आदि मौजूद रहे।

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