उत्तराखंड

मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाया जाए विशेष अभियान- राधा रतूड़ी..

मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाया जाए विशेष अभियान- राधा रतूड़ी..

 

 

उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों के साथ ही उनमें डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर्स, पैरामेडिकल एण्ड एन्सिलरी स्टाफ के पद सृजन की प्रक्रिया भी साथ-साथ संचालित करने की स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग एवं कार्मिक विभाग को हिदायत दी है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कहना हैं कि इस तरह से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का समय पर संचालन शुरू हो पाएगा। इसके साथ ही हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में 216 तथा पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में 216 डॉक्टर्स के पदों से सम्बन्धित स्थिति को तत्काल स्पष्ट करने के वित्त विभाग को निर्देश दिए। मेडिकल टूरिज्म की बेहतरीन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सीएस रतूड़ी ने पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज तथा नैनीताल के भवाली स्थित टीबी सेनेटोरियम के सम्बन्ध में एक बैठक पर्यटन विभाग के साथ आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

अस्पतालों में हो पर्याप्त डॉक्टर्स..

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के दृष्टिगत राज्य के मैदानी जिलों के समान ही पर्वतीय जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में भी पर्याप्त संख्या में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ तथा अन्य स्टाफ की व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव का कहना हैं कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज से न केवल पिथौरागढ़ जनपद को बल्कि जनपद चंपावत तथा जनपद बागेश्वर व अल्मोड़ा के एक बड़े भाग की आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी। इसके साथ ही पड़ोसी देश नेपाल द्वारा भी यहां की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने की संभावना बढ़ जाएगी। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का संचालन आरम्भ होने के बाद इसके आस-पास के क्षेत्रों में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं अन्य सम्बन्धित सुविधाओं, उद्यमों के विकास एवं स्वरोजगार के नए अवसरों की संभावनाएं भी बढ़ेगी।

मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाया जाए विशेष अभियान..

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को हरिद्वार में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के फॉलोअप के लिए टै्रकिंग सिस्टम बनाने, सभी गर्भवती महिलाओं की अनिवार्य प्रसवपूर्व जांच (एएनसी ) करने, सभी गर्भवती माताओं का संस्थागत प्रसव करवाने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही मातृ मृत्यु दर की दृष्टि से हाई रिस्क एरियाज में आशा वर्कर के लिए विशेष ऑरियेण्टेशन प्रोग्राम संचालित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आशा वर्कर्स के कार्यों के मूल्याकंन में मातृ मृत्यु दर को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

 

 

 

 

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