उत्तराखंड में भी पहुँच गया कोरोना का नया स्ट्रेन वायरस..
देश-विदेश: ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन का पता लगने के बाद पुरी दुनिया में हड़कम्प मचा हुआ है, लेकिन भारत में लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही है। सरकार ने ब्रिटेन से लौटे पैसेंजर के लिए एसओपी जारी की। बावजूद इसके ब्रिटेन से लौटे पांच पैंसजर चकमा देकर दिल्ली एयरपोर्ट से निकल जाने में कामयाब रहे। देहरादून जनपद में पिछले एक माह में 138 लोग ब्रिटेन से लौटे हैं, जिनकी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार से जांच करानी शुरू की है।
रविवार को आई रिपोर्ट में ब्रिटेन से लौटे पांच लोग में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं, संपर्क में आया एक व्यक्ति की भी संक्रमित मिला है। संक्रमितों में 23 से 26 वर्ष के तीन युवक, 45 वर्षीय एक व्यक्ति और 17 वर्षीय एक किशोरी शामिल है। इसके अलावा संपर्क में आए व्यक्ति की उम्र 44 साल है।
देहरादून में कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है। चिकित्सकों की निगरानी में उनकी सेहत की मॉनिटरिंग की जा रही है। वहीं उनके संपर्क में आए व्यक्तियों के भी सैंपल लिए जाएंगे। स्वास्थ्य महानिदेशालय से प्राप्त सूची के आधार पर 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक ब्रिटेन से लौटे सभी लोग से संपर्क कर उनका सैंपल लिया जा रहा है। संक्रमित पाए गए लोग में तीन एनआरआइ हैं।
वह आयरलैंड से हैं, जबकि अन्य तीन दून के ही रहने वाले हैं। बता दें, ब्रिटेन में कोविड-19 वायरस का बदला हुआ घातक रूप सामने आने के बाद उत्तराखंड में भी एहतियात बरती जा रही है। करीब एक माह में वहां से लौटे व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है। यूके से 227 लोग उत्तराखंड आए हैं।
उन्होंने बताया कि रविवार को छह लोगो के सैंपल लिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की सूची में 22 व्यक्तियों के नाम थे। जिन 16 व्यक्तियों के सैंपल नहीं लिए जा सके, उनमें से कई व्यक्ति घर पर नहीं मिले। इससे प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ गई है। क्योंकि यदि इनमें से कोई व्यक्ति संक्रमित पाया गया तो हालात विकट हो सकते हैं।
वहीं, दूसरी तरफ ऐसे व्यक्तियों ने सैंपल देने से इन्कार जिन्हें ब्रिटेन से लौटे एक माह से अधिक समय हो गया है। इसके अलावा कई ऐसे लोग भी सैंपल देने में आनाकानी कर रहे हैं, जो कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट लेकर लौटे हैं। हालांकि, इन्हें दून पहुंचे कम ही दिन हुए हैं, इसलिए सैंपल लिया जाना जरूरी है। जिला प्रशासन ऐसे व्यक्तियों को जांच में सहयोग करने की अपील कर रहा है।