महाकुंभ से फैला कोरोना संक्रमण, वैज्ञानिकों का दावा..
उत्तराखंड: कोरोना संक्रमण की बढ़ती दूसरी लहर की रफ़्तार के बीच महाकुंभ को देशभर में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। हरिद्वार स्थित गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने भी शोध करने के बाद यही दावा किया है कि कुंभ मेला हरिद्वार कोरोना संक्रमण के प्रसार के लिए जिम्मेदार रहा हैं। हालांकि संतों ने जीव वैज्ञानिकों के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि कुंभ मेले में श्रद्धालु और साधु-संत बड़ी संख्या में आए। इसके साथ ही कई राज्यों में चुनाव भी हुए। जिसमें भारी भीड़ जुटी, और इसमें सरकार की गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से कोरोना महामारी बड़े पैमाने पर फैली। साथ ही महाकुंभ से लौटे लोगों ने दूसरे प्रदेश में जाकर भी कोरोना संक्रमण फैलाया। वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना वायरस का थर्मल डेथ पॉइंट और थर्मल स्टेबिलिटी पॉइंट अलग-अलग है। जब वातावरण शुष्क होगा, तब यह संक्रमण कम जीवित रह सकता है।
इसके विपरीत पानी, नमी और कम तापमान में यह संक्रमण 25-28 दिन तक जीवित रह सकता है। कुंभ मेले में गंगा तट पर जुटे लाखों लोगों की मौजूदगी से कोरोना को जीवित मानव शरीर मिला और वह फैलता गया। वहीं जीव वैज्ञानिकों के दावे को संतों ने सिरे से नकार दिया है। संतों का कहना है कि कुंभ मेले में यज्ञ-हवन अनुष्ठान किए जाते हैं। हवन करने से वातावरण शुद्ध होता है। हवा में जितने भी कीटाणु होते हैं, वह नष्ट हो जाते हैं। कुंभ से महामारी नहीं फैली।