सीएम रावत पहले मुख्यमंत्री होंगे जो धाम के कपाट खुलने के मौके पर पहुंच रहे हैं
स्थानीय लोगों में बना उत्साह, यात्रा को मिलेगी मजबूती, यात्रा पड़ावों पर फैली समस्याओं का होगा समाधान
रुद्रप्रयाग। भगवान मद्महेश्वर धाम की डोली रवाना होने के साथ ही यात्रा का आगाज भी हो गया है। 21 मई को भगवान मद्महेश्वर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे, जिसके बाद भक्तों का तांता लगना शुरू हो जायेगा। कपाट खुलने के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी मद्महेश्वर धाम पहुंचेंगे। वे पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे, जो मद्महेश्वर धाम के कपाट खुलने के अवसर पर पहुंच रहे हैं। उनके धाम आगमन से क्षेत्र की जनता में भी खासी खुशी देखने को मिल रही है।
भाजपा वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट ने बताया कि पंचकेदारों में भगवान मद्महेश्वर को द्वितीय केदार के नाम से जाना जाता है। मद्महेश्वर धाम में भगवान शंकर के मध्य भाग नाभि की पूजा की जाती हैै। विकासखण्ड ऊखीमठ की सीमान्त ग्रांम पंचायत गौण्डार से 10 किमी की खड़ी चढा़ई पार कर सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर का पावन तीर्थ स्थित है। यहां पर भगवान शंकर की नाभि की पूजा होती है। जो मनुष्य श्रद्वा भक्ति अर्पित कर भगवान मद्महेश्वर के दरबार में पहुंचता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। उन्होंने बताया कि भगवान मद्महेश्वर के कपाट खुलने के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी पहुंच रहे हैं। हेलीकाॅप्टर के जरिये सीएम रावत मद्महेश्वर धाम पहुंचेंगे और कपाट खुलने के अवसर पर मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब तक के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई मुख्यमंत्री कपाट खुलने के अवसर पर मद्महेश्वर धाम पहुंच रहा है।
सीएम के आगमन से यात्रा को मजबूती मिलेगी और देश-विदेश से भारी संख्या में तीर्थयात्री केदार धाम पहुंचंेगे। उन्होंने कहा कि जिले का रोजगार तीर्थाटन और पर्यटन से जुड़ा हुआ है। यात्रा से छः माह का रोजगार कर सालभर की आमदनी कमाई जाती है। मद्महेश्वर घाटी के लोगों को उम्मीद है कि इस बार यात्रा काफी बेहतर चलेगी और उनका रोजगार भी बढ़ेगा। श्री भट्ट ने कहा कि चारधाम की तर्ज पर तृतीय केदार तुंगनाथ एवं द्वितीय केदार मद्महेश्वर को भी विकसित किये जाने की जरूरत है। ऐसा करने से पलायन रूकेगा और रोजगार के संसाधन सशक्त होंगे। उन्होंने कहा कि सीएम के समक्ष मांग रखी जायेगी कि मद्महेश्वर यात्रा मार्ग पर फैली समस्याओं को दूर किया जाय और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण देवरियाताल, चोपता, दुगलबिट्टा, चलियाखौड़ को विकसित किया जाय। ऐसे में तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। कहा कि सीएम के मद्महेश्वर पहुंचने से विकास के नये आयाम स्थापित होंगे।