उत्तराखंड

57 वर्ष बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिला अपनी भूमि पर मालिकाना हक..

57 वर्ष बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिला अपनी भूमि पर मालिकाना हक..

फाफंज के ग्रामीणों ने किया चोपता-गोपेश्वर हाईवे पर चक्काजाम..

हाईवे पर चक्काजाम करने से मिनी स्विटजरलैंड चोपता जाने वाले सैलानियों की हुई दिक्कतें..

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। ऊखीमठ ब्लॉक के फाफंज बरसाल के ग्रामीणों ने 57 वर्षों बाद भी अपनी भूमि पर मालिकाना हक न मिलने से चोपता-गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन घंटे चक्काजाम करते हुए प्रदर्शन किया। बरसाल के सलामी तोक के नौ परिवारों द्वारा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में कुंड चोपता गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग के करेला तोक में धरना प्रदर्शन करते हुए शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई। इधर, तहसील प्रशासन व वन विभाग के सकारात्मक कार्यवाही के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम समाप्त किया। वहीं हाईवे पर चक्काजाम करने से मिनी स्विटजरलैंड चोपता जाने वाले और वहां से आने वाले सैलानियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस दौरान हाईवे पर दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे रहे।

सोमवार को प्रातः दस बजे सलामी तोक के नौ परिवार अपने सभी परिजनों के साथ ऊखीमठ जीएमवीएन के निकट स्थित करेला तोक पहुंचे। जहां पर उन्होंने नारेबाजी करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया जिससे राजमार्ग के दोनों ओर लम्बा जाम लग गया। प्रभावित दिलबर सिंह पंवार, रणबीर सिंह पंवार, जसपाल सिंह, शिशुपाल सिंह, भगत सिंह, दिनेश सिंह व वीर सिंह आदि का कहना है कि उनकी भूमि उनके नाम पर दर्ज न होने के कारण कृषि सहित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा व बच्चों के दस्तावेज बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सवा ग्यारह बजे उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा एवं तहसील दीवान सिंह राणा धरना स्थल पर पहुंचे लेकिन ग्रामीण नहीं माने तथा वह लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े रहे।

बारह बजे सकारात्मक वार्ता के आश्वासन पर प्रभावित एवं जनप्रतिनिधि कालिंका धार मंदिर परिसर में पहुंचे जहां पर पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने मुख्यमंत्री के विशेष सचिव वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते से फोन पर वार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी जिसके बाद विशेष सचिव द्वारा उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा को पत्रावलियां प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। उप जिलाधिकारी द्वारा एक हफ्ते में सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।

वहीं मामले में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि उप जिलाधिकारी से रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद अध्ययन किया जायेगा और मामला चाहे वन विभाग या राजस्व विभाग से संबंधित हो, कार्यवाही कर ली जायेगी। इधर, ग्रामीणों के चक्काजाम करने से मिनी स्विटजरलैंड चोपता जाने वाले और वहां से लौट रहे सैलानियों को भारी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। इस मौके पर पूर्व विधायक आशा नौटियाल, जिपंस विनोद राणा, चंडी प्रसाद भट्ट, कुलदीप रावत, प्रधान पुष्पा देवी, प्रेमलता पंत, क्षेपंस बृजेश पंत, पूर्व कनिष्ठ प्रमुख दर्शनी पंवार, लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, रविंद्र रावत, प्रकाश पंवार आदि थे।

 

 

 

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