उत्तराखंड में धर्म परिवर्तन की सूचना पर जमकर हंगामा, चार बसों से 280 बच्चों को उतारा…
देहरादून : चार बसों में सवार होकर देहरादून जा रहे 280 स्कूली बच्चों को भाजयुमो और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने रोक लिया। उनका आरोप है कि इन्हें एक शिक्षक क्रिसमस पर्व के बहाने धर्म परिवर्तन कराने देहरादून ले जा रहा था। जबकि, शिक्षक का कहना था कि वह क्रिसमस पर बच्चों को कार्यक्रम में शिरकत कराने के लिए देहरादून ले जा रहे थे। पिछले चार साल से वह ऐसा कर रहे हैं। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच खासा हंगामा हुआ। पुलिस हस्तक्षेप के बाद इन सभी बच्चों को उनके घर भेज कर मामला शांत करवाया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है। हालांकि, देर शाम तक सुलह के प्रयास भी चल रहे थे।
कनखल निवासी संदीप कश्यप आर्यवृत्त चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया हुआ है। काफी सालों से वह वह चंडीघाट बस्ती के गरीब बच्चों को पढ़ाता है। संदीप के पड़ोस में भाजयुमो और बजरंग दल से जुड़ा शुभम झा नामक युवक रहता है। मंगलवार को बस्ती के करीब 280 बच्चों को चार बसों में बैठाकर देहरादून ले जाने पर की सूचना पर शुभम और कुछ अन्य कार्यकर्ताओं ने चंडीघाट पर इन बसों को रोक लिया। इस पर दोनों पक्षों में नोकझोंक होने लगी। हंगामा होता देख चंडीघाट पुलिस चौकी इंचार्ज नितेश शर्मा ने बच्चों से जानकारी ली। उन्होंने क्रिसमस पार्टी में शामिल होने देहरादून जाने की बात कही, लेकिन हंगामे को देखते हुए पुलिस ने बच्चों को उनके घर छुड़वा दिया। इसके बाद दोनों पक्ष बस्ती लौट गए, लेकिन यहां उनमें फिर से झगड़ा हो गया।
इस बीच, शुभम ने चंडीघाट चौकी की पुलिस को तहरीर देकर संदीप कश्यप व अन्य लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया। तहरीर में यह भी आरोप लगाया कि संदीप बच्चों को पढ़ाई के दौरान ईसाई धर्म की तरफ झुकाने का प्रयास करता है। उधर, शिक्षक संदीप ने भी शुभम व अन्य कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। हालांकि अभी किसी की भी तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, कुछ लोग दोनों पक्षों में सुलह कराने का प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले मामले को राजनीतिक रंग देने की भी कोशिशें हुई। महापौर अनीता शर्मा भी सक्रिय हो गई थीं। घटनाक्रम के संबंध में पुलिस का कहना था कि दोनों पक्षों से जानकारी लेकर जांच की जा रही है। इसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
संदीप नामक जिस युवक पर बच्चों को धर्म परिवर्तन कराने के लिए देहरादून ले जाने का आरोप लगाया जा रहा है, वह आध्यात्मिक संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन के स्कूल में शिक्षक है। स्कूल से छुट्टी होने के बाद वह बस्ती के निर्धन बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता है। इस बारे में दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रधानाचार्य डा. जितेंद्र सिंह का कहना है कि संदीप कश्यप पिछले 15 साल से उनके विद्यालय में पढ़ाने का काम कर रहे हैं। स्कूल टाइम के बाद वह खाली समय में क्या करते हैं, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। इतना पता है कि वह बस्ती के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। बस्ती के बच्चों को मिशनरी कार्यक्रम में ले जाने के मामले से उनकी संस्था का कोई ताल्लुक नहीं है। मिशन के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे ऐसे किसी कार्यक्रम में शामिल होने नहीं जाते हैं।