उत्तराखंड

क्या पता प्रीतम भाजपा में ही आ जाएं- कैबिनेट मंत्री हरक सिंह..

क्या पता प्रीतम भाजपा में ही आ जाएं- कैबिनेट मंत्री हरक सिंह..

हरक बोले, राजनीति रूप से भरोसे लायक नहीं हरीश भाई..

 

 

 

उत्तराखंड: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत से नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की मुलाकात मंगलवार को सियासी गलियारों में सबसे चर्चित विषय बना रहा। एक ओर जहां लोगों ने हरक के कांग्रेस में वापसी के कयास लगाए गए तो दूसरी ओर तमाम लोगों ने प्रीतम के भाजपा में जाने की संभावनाएं भी जताईं। इस बीच कैबिनेट मंत्री हरक ने भी कहा कि वह कांग्रेस में क्यों, क्या पता प्रीतम सिंह भाजपा में आने का मन बना चुके हों।

मंगलवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के आवास पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह पहुंचे। उस वक्त रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ भी मौजूद थे। तीनों के बीच बंद कमरे में करीब दो घंटे बातचीत हुई, जिस दौरान चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। तमाम तरह की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि व्यासी परियोजना को लेकर बातचीत हुई है। नेता प्रतिपक्ष बाहर आए तो उन्होंने केवल इतना कहा कि फिलहाल अभी कोई बात नहीं है।

 

उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पहले उनके दल में थे और उनके मित्र हैं। जिसके चलते वह उनसे मुलाकात करने आए थे। प्रीतम सिंह का कहना हैं कि राजनीति में अगर नेताओं के दल अलग-अलग हो जाएं तो दिल अलग-अलग नहीं हो जाते हैं। यही नहीं, हरक सिंह रावत के कांग्रेस में ‘घर वापसी’ के सवाल पर प्रीतम सिंह ने सिर्फ इतना कहा कि देखिए आगे-आगे होता है क्या।

 

वहीं, बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह उनके क्षेत्र की एक परियोजना के मामले में उनसे मुलाकात करने आए थे। यह मुलाकात कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी। क्योंकि कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है। साथ ही कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने यहां तक कह दिया कि अच्छी बात है मुलाकात होती रहे, हो सकता है कि वह (प्रीतम सिंह) भाजपा में ही शामिल हो जाएं। क्योंकि हरीश रावत नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को परेशान करते हैं।

 

 

 

 

हरक रावत ने मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राजनीति रूप से हरीश रावत भरोसे के लायक नहीं हैं। उनका कहना हैं कि एक बार आदमी छलनी पर भरोसा कर सकता है कि छलनी में पानी रोका जा सकता है, लेकिन हरीश रावत पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ऐसे में अगर कोई कार्यकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर भरोसा करता है तो यह समझा जा सकता है कि वो हरीश रावत को नहीं समझा है।

 

हरक सिंह रावत ने हरीश रावत पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। हरक ने हरदा के करीबियों पर उन्हें चरित्र हनन मामले में फंसाने का आरोप लगाया है। हरक ने कहा 2016 में जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी, तो उसके बाद हरीश रावत के करीबी लोगों ने कई लड़कियों से संपर्क कर पैसे देकर उन पर झूठे आरोप लगाकर फंसाने की कोशिश की। जिसके सबूत उनके पास हैं।

 

मैं गलत होता जेल में डलवा देते हरीश भाई 

हरक सिंह ने कहा कि मेरी सहसपुर की जमीन के लिए एसआईटी जांच कराई गई। मैं जरा सा भी गलत होता तो हरीश भाई ने मुझे जले में डलवा देना था। इसके बावजूद उन्होंने कोशिश कम नहीं की, लेकिन कुछ कर नहीं पाए। उन्होंने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र स्थित कार्यालय को सीएम हरीश रावत ने बंद कराया। उन्हें उस समय लगा होगा कि पता नहीं कौन सा खजाना छिपा हुआ है। उन्होंने कहा भाजपा ने उनको सम्मान दिया। जबकि कांग्रेस में रहते हुए उन्हें फंसाने की कोशिश की गई।

 

 

 

 

 

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