उत्तराखंड

आगामी 18 अगस्त तक चारधाम यात्रा पर लगी रोक- हाईकोर्ट..

आगामी 18 अगस्त तक चारधाम यात्रा पर लगी रोक- हाईकोर्ट..

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर आगामी 18 अगस्त तक रोक रहेगी। नैनीताल हाईकोर्ट ने बुधवार काे यह आदेश जारी किया है। कोर्ट का कहना है कि चारधाम यात्रा का प्रकरण राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और वहां से कोई निर्णय नहीं हुआ है। इसलिए राज्य सरकार की यात्रा पर रोक जारी रखने के लिए कोर्ट में दी गई सहमति पर कोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को भी अगली तिथि तक बढ़ा दिया है। अब 18 अगस्त तक चारधाम यात्रा पर रोक रहेगी। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट संबंधी सावधानियों व तैयारियों और वैक्सीनेशन सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर राज्य सरकार और स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिए।

 

हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार व स्वास्थ्य सचिव को दिए गए निर्देश..

1- सरकारी अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर की क्या स्थिति है उसका विवरण अगली तिथि तक दें।

2- राज्य में सरकारी अस्पतालों में नर्स एवं वार्ड बॉय आदि सपोर्ट स्टाफ के कितने पद खाली हैं और उनकी भर्ती के संबंध में क्या प्रक्रिया चलाई जा रही है और क्या कदम उठाए गए इसका विवरण दें।

3- राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के संबंध में क्या स्थिति है और पूर्व में जो 300 सैंपल भेजे गए थे उनके संबंध में क्या परिणाम आए और इस संबंध में क्या सावधानियां बरती गई हैं इसका विवरण दें।

4- इंटर्न चिकित्सकों को स्टाइपेंड बढ़ाने के बारे में घोषणा की गई है। उसको अगली तिथि से पूर्व लागू किया जाए और साथ ही उन लोगों का प्रतिमाह मानदेय समय पर प्रदान किया जाए ।

5- राज्य में एंटी स्पिटिंग एंड एंटी लिटरिंग एक्ट 2016 के प्रावधान पूर्व से लागू हैं उनको सख्ती से अनुपालन कराया जाए।

6- राज्य में वैक्सीनेशन सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाए औरजिन लोगों के मन में वैक्सीनेशन को लेकर संशय है और कुछ अंधविश्वास है तो उनके लिए राज्य सरकार भ्रम दूर करने के लिए उचित प्रचार-प्रसार करे।

7- राज्य में वे सभी दिव्यांगजन जो अपने घर के पास स्थित वैक्सीनेशन सेंटर में भी पहुंचने की स्थिति में नहीं हैं। उनके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारी घर पर ही वैक्सीन लग सके ऐसी व्यवस्था करें।

8- राज्य में दिव्यांगजनों के लिए वैक्सीनेशन की उचित व्यवस्था की जाए और उनके कैंप वगैरह कहां लगेंगे, इसकी पूर्व सूचना जिलाधिकारी सभी माध्यमों से प्रचार-प्रसार करें। ऐसे कैंप में दिव्यांगजनों की सुविधाओं का पूर्ण ख्याल रखा जाएगा।

9- राज्य सरकार ने अस्पतालों में निर्बल वर्ग के लिए 25% बेड आरक्षित किए थे, परंतु उक्त आदेश को 25 जुलाई को वापस ले लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।

10- राज्य में स्थित सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध एंबुलेंस की स्थिति, सुविधाएं और उनकी क्षमता के संबंध में ऑडिट रिपोर्ट कोर्ट ने तलब की है।

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