उत्तराखंड

जानिए बद्रीनाथ धाम में साधु ने अन जल ग्रहण त्यागने की क्यों दी चेतावनी..

जानिए बद्रीनाथ धाम में साधु ने अन जल ग्रहण त्यागने की क्यों दी चेतावनी..

उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम में पूजा पद्धतियों के समय बदलाव के मामले में समाधान के बाद अब साधु संतों द्वारा धाम के दर्शन न कराए जाने को लेकर आक्रोश बढ़ता नजर आ रहा है बद्रीनाथ धाम में शीतकाल हो या ग्रीष्म काल हमेशा ही साधु संतों को विशेष दर्जा दिया जाता रहा है, क्योंकि साधु संत यहां पर तपस्या रहते हैं, इसलिए धार्मिक दृष्टिकोण से उनको अलग महत्व दिया जाता है वर्तमान समय में उत्तराखंड के चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अंतर्गत संचालित हो रहे हैं।

 

मोनी बाबा ने बद्रीनाथ धाम में दर्शन न कराए जाने को लेकर देवस्थानम बोर्ड और प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर साधु-संतों को दर्शन नहीं कराए जाते हैं तो वह सोमवार यानि आज से अन्न जल त्याग देंगे। पिछले नौ दिनों से धाम में मौनी बाबा व एक अन्य साधु अपने-अपने आश्रमों में 23 मई से आमरण अनशन कर रहे हैं। देवस्थानम बोर्ड और जिला प्रशासन की ओर से अभी तक साधु-संतों के आंदोलन को पूरी तरह से किनारा किया हुआ है। सोमवार यानि आज से मौनी बाबा ने अन्न के साथ ही अब जल का त्याग करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस संबंध में एक ओडियो सार्वजनिक की है।

 

जिसमें उन्होंने जल त्याग करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों से कई बार बद्रीनाथ धाम के दर्शन कराने का आग्रह किया जा चुका है। लेकिन साधुओं की सुनी नहीं जा रही है। यह नागा सन्याशियों का अपमान है। धाम में साधु-संत गुरु परंपरा से बंधे हुए हैं। गुरु परंपरा का निर्वहन करते हुए अब अन्न और जल का तब तक त्याग किया जाएगा, जब तक बद्रीनाथ धाम के दर्शन नहीं हो जाते। मौजूदा समय में बद्रीनाथ धाम में करीब 15 साधु अपने अपने आश्रमों में तपस्या कर रहे हैं।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top