2011 में तैनात था स्वयं सेवक, भाई के अध्यक्ष बनते ही बना लिपिक..
मंदिर समिति में नियम विरूद्ध प्रमोशनों व वेतन वृद्धि पर रार..
अध्यक्ष ने किया अपने भाई की वेतन में बेतहाशा वृद्धि..
पुराने कर्मचारियों को दरकिनार कर रसूखदार अपने रिश्तेदारों को पहुंचा रहे लाभ: सूरज..
रुद्रप्रयाग। बद्री-केदार मंदिर समिति में बैकडोर से हो रहे नियम विरूद्ध प्रमोशन और वेतन वृद्धि के मामलों पर कांग्रेस प्रवक्ता सूरज नेगी ने कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि मंदिर समिति में इस प्रकार से भ्रष्टाचार करना नियमों का खुलेआम उल्लंघन करना, आपराधिक मामला है। नेगी ने कहा कि समिति में अपने रिश्तेदारों को भाजपा नेता मनमाना पद बांट रहे हैं और शासन व सरकार चैन की नींद सोयी है।
यहां जारी बयान में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि इस प्रकार बैकडोर से गैर कानूनी तरीके से मंदिर समिति प्रमोशन और वेतन वृद्धि कर अपने रिश्तेदारों व चहेतों को लाभ दिया जा रहा है, जिससे मंदिर समिति में वर्षो से कार्य करने वाले वरिष्ठ कार्मिकों का मनोबल भी गिरता जा रहा है। भाजपा राज में इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जो किसी के भी गले नहीं उतर सकते हैं। आखिर कैसे इस प्रकार की गड़बड़ियों को अंजाम दिया जा रहा है, यह एक चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में रसूखदार व ऊंची पहुंच रखने वाले किस प्रकार असंवैधानिक तरीके से कामयाबी की सीढ़ी पार करते हैं, उसका जीता जागता नमूना मंदिर समिति है। जिसमें बद्री-केदार मंदिर समिति का अध्यक्ष सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर अपने भाई को स्वयं सेवक से लिपिक वर्ग में शामिल करने के लिए, सबकी अनदेखी करता है और इस गड़बड़ झाले में समिति में नियुक्त अधिकारी व कर्मचारी अपने स्वार्थो के लिए इस कारनामे को अंजाम दे डालते हैं।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के स्वायत्त संस्था है, जो दानी दाताओं के पैंसो चलती है। लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार के प्रतिनिधि उस पैंसे को ठिकाने लगाने के लिए लाभार्थी के रूप में अपने रिश्तेदारों का वेतन बढ़ाकर अपने पुरस्कृत कर रहे हैं। फिर चाहे वे उस पद के योग्य हों या ना हों। इस बात की उन्हें कोई फिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष का भाई वर्ष 2011 में स्वयं सेवक के रूप में समिति में लगा था, जो कि 14,203 रूपए के वेतन पर 14 मई 2022 से पूर्व तैनात था।
उनके भाई के अध्यक्ष बनने के बाद अचानक उनको स्वयं सेवक से लिपिक वर्ग में प्रमोशन कर वेतन 22,770 करने का अनुमोदन अध्यक्ष द्वारा किया गया। आखिर इसमें कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई है। यह समिति में तैनात पुराने कर्मचारी व जनता जानना चाहती है। वहीं मामले में बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि उन पर जो भी आरोप लगाये जा रहे हैं, वे सभी बेबुनियाद और तथ्य से परे हैं। समिति में नियमों के तहत पदोनतियां की गई हैं तथा किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं है।