पैर की हड्डी काटकर किया गठिया का इलाज..
दिल्ली के कई अस्पतालों से निराश होने के बाद गोरखपुर आए मरीज..
देश-विदेश: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. अमित मिश्रा पैर की हड्डी काटकर गठिया का सफल इलाज कर रहे हैं। उन्होंने मौजूदा समय में गाजियाबाद से आए पांच में से चार मरीजों के पैर की हड्डी काटकर सफल ऑपरेशन किया। इसके बाद लंबे समय से गठिया से पीड़ित इन मरीजों को दर्द से निजात मिल गई। डॉ. अमित मिश्रा का कहना हैं कि ये सभी मरीज दिल्ली के कई बड़े निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज करा चुके थे।
लेकिन वहां से निराश होने के बाद उन्होंने गोरखपुर का रुख किया। इलाज से पहले एक्स-रे करने पर चारों मरीजों में मीडियल कंपार्टमेंट ऑर्थराइटिस की तस्दीक हुई। चारों मरीजों के पैर का ऑपरेशन किया गया है। उनके पैर की हड्डी काटी गई। अब सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। सभी अपने पैरों पर चल रहे हैं। उन्हें दर्द से राहत मिल चुकी है।
डॉ. मिश्रा का कहना हैं कि गठिया के कारण घुटनों में काफी दर्द होता है। पीड़ित मरीज चल तक नहीं पाता। पैरों में टेढ़ापन आ जाता है। इसे मीडियल कंपार्टमेंट आर्थराइटिस कहते हैं। इस बीमारी से जूझ रहे दिल्ली और एनसीआर के मरीज लगातार गोरखपुर आ रहे हैं।
फीबुला काटकर होता है इलाज..
डॉ. अमित मिश्रा ने कहा कि पैर में घुटने के नीचे दो हड्डियां होती हैं। सामने वाली हड्डी को टीबीया कहते हैं। वहीं पीछे वाली हड्डी को फीबुला कहा जाता है। मीडियल कंपार्टमेंट आर्थराइटिस में घुटने के अंदर वाला हिस्सा घिस जाता है। इससे पैरों में टेढ़ापन आ जाता है। इसकी वजह से घुटनों में काफी दर्द होता है। ऐसी स्थिति में फीबुला को काटने से घुटने के बीच में हड्डियों का घर्षण कम हो जाता है। इलाज की इस नई तकनीक में हड्डी को दो से पांच सेंटीमीटर काट दिया जाता है। इससे मरीज को काफी राहत मिल जाती है। इसके बाद उनके घुटने नहीं बदलने पड़ते हैं। अच्छी बात यह है कि इसके बाद मरीजों को इस बीमारी से निजात मिल जाती है।