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इस शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के बाद उसका बदल जाता है रंग..

इस शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के बाद उसका बदल जाता है रंग..

देश-विदेश: भारत के बारे में कहा जाता है कि यहां हर पांच कोस के बाद पानी और हर पांच कोस के बाद भाषा बदलती हैं। देश के हर गांव आपको लगभग एक मंदिर तो मिल ही जाएगा। सभी मंदिरों का अपना कुछ न कुछ पौराणिक महत्व है। जिसमें कई मंदिरों को चमत्कारिक मंदिर भी कहा जाता है। इन मंदिरों के चमत्कार का जवाब वैज्ञानिक भी आज तक नहीं खोज पाएं है।

 

आपको बता दे कि एक ऐसा ही मंदिर केरल में स्थित है। जिसके चमत्कार के चर्चे देश हीं बल्कि पूरे विश्व में हैं। यह मंदिर तमिलनाडु के कीजापेरूमपल्लम गांव में स्थित है। इस नागनाथस्वामी मंदिर को केति स्थल के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर कावेरी नदी के तट पर स्थित है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर में जब श्रद्धालुओं द्वारा शिवलिंग पर दूध चठाया जाता है तो उसका रंग देखते ही देखते नीला हो जाता है। सबसे आश्चर्य की बात है कि इसके बारे में आज तक कोई जान नहीं पाया है। लोगों को समझ ही नहीं आता कि आखिर ऐसा क्यों होता है। हालांकि यह हमेशा देखने को नहीं मिलता। इसकी एक मान्यता यह भी है कि जो लोग केतु ग्रह के दोष से पीड़ित होते हैं, सिर्फ उनके द्वारा ही जो दूध चढ़ाया जाता है उसका ही रंग नीला होता है। लेकिन बाद में ये रंग फिर से सफेद हो जाता है।

 

इसमें हैरानी की बात है कि वैज्ञानिक भी आज तक यह नहीं जान पाए हैं कि आखिर दूध का रंग नीला क्यों हो जाता है। सबसे हैरानी की बात है कि यह वापस से सफेद रंग का कैसे हो जाता है, इसके बारे में भी वैज्ञानिक नहीं जान पाए हैं। इस मंदिर में दूध चढ़ाने के बाद उसका रंग बदलने को कुछ लोग चमत्कार भी कहते हैं। मंदिर में लोग काफी दूर से दर्शन करने आते हैं।

 

इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता भी है। कहा जाता है कि एक बार महान ऋषि के श्राप से मुक्ति के लिए केतु ने भगवान शिव की आराधना की थी। इसके बाद केतु की तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने शिवरात्रि के दिन केतु को श्राप से मुक्ति दी थी। इसके बाद से ही केतु को समर्पित इस मंदिर मे भगवान शिव का भी माना जाता है।

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