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‘आदिपुरुष’ बनेगी भारतीय सिनेमा की नई पहचान..

‘आदिपुरुष’ बनेगी भारतीय सिनेमा की नई पहचान..

‘आदिपुरुष’ बनेगी भारतीय सिनेमा की नई पहचान..

 

देश – विदेश : हिंदी सिनेमा में इन दिनों अगर किसी एक अभिनेत्री के पास विविधतापूर्ण किरदारों का पूरा गुलदस्ता है तो उनमें कृति सेनन का नाम सबसे ऊपर आता है। उनकी आने वाली फिल्मों ‘आदिपुरुष’, ‘भेड़िया’, ‘गणपत’ और ‘शहजादा’ से भी उनके चाहने वालों को काफी उम्मीदें हैं। पराक्रमी राम पर बन रही उनकी फिल्म ‘आदिपुरुष’ उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म है और इसका इंतजार सिर्फ भारतीय दर्शक ही नहीं बल्कि भारतीय मूल के वे करोड़ों दर्शक भी कर रहे हैं जो दुनिया के तमाम दूसरे देशों में रह रहे हैं। करीब 20 हजार स्क्रीन्स पर इसे रिलीज करने की तैयारी है और कृति को पता है कि ये फिल्म उनके लिए कितनी अहम है।

कृति सेनन कहती हैं, ‘फिल्म ‘आदिपुरुष’ हम सबके लिए खास फिल्म है और इसमें सीता का किरदार बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी है। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे ऐसा किरदार निभाने का मौका मिल रहा है। फिल्म के निर्देशक ओम राउत ने इस फिल्म को जिस तरह से तैयार किया है, वह किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उनकी मेहनत को मैं प्रणाम करती हूं। उन्होंने इस फिल्म में सीता की जो छवि गढ़ी है, वह अब तक छोटे परदे या फिल्मों में दिखी उनकी छवियों से काफी अलग है। मुझे पूरा यकीन है कि फिल्म ‘आदिपुरुष’ भारतीय सिनेमा की एक नई पहचान बनकर उभरेगी।’

कृति की पिछली दो फिल्में ‘बच्चन पांडे’ और ‘हम दो हमारे दो’ खास कमाल नहीं कर पाईं। लेकिन, इन दोनों फिल्मों में कृति ने अपने किरदार को लेकर काफी मेहनत की। वह कहती हैं, ‘फिल्म का बॉक्स ऑफिस नतीजा क्या होगा, ये तो फिल्म बनाते समय किसी को नहीं पता होता। हमारे बस में होता है हर फिल्म के लिए अपना सौ फीसदी समर्पण दिखाना। किसी भी किरदार को करने के लिए, उसको जीने के लिए जो कुछ भी जरूरी होता है। मैं करती हूं।’

बचपन से ही माधुरी दीक्षित की दीवानी रहीं कृति सेनन पेशे से इंजीनियर रही हैं। पिता राहुल सेनन सीए हैं और मां फिजिक्स की प्रोफेसर। बहन नुपूर का भी मॉडलिंग और एक्टिंग में खासा नाम है। निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘पानीपत’ को कृति अपने करियर का टर्निंग प्वाइंट मानती हैं। वह कहती हैं, ‘पानीपत की लड़ाई पर आधारित एक फिल्म मे अगर एक युवती का किरदार उभर कर आ जाए तो वही अपने आप में बड़ी बात है। युद्ध आधारित फिल्मों में अक्सर ऐसा होता नहीं है लेकिन फिल्म ‘पानीपत’ में ऐसा हुआ। एक अभिनेत्री के तौर पर मुझे लगता है कि मुझे वहां बहुत सराहा गया और इसके बाद ही मुझे खुद भी अंदर से महसूस हुआ कि मैं अब इससे भी चुनौतीपूर्ण कुछ कर सकती हूं।’

फिल्म ‘मिमी’ के लिए दर्जनों पुरस्कार जीत चुकीं कृति सेनन इस फिल्म के बारे में चर्चा चलने पर कहती हैं, ‘कहीं न कहीं मैं ढूंढ रही थी ऐसा कोई किरदार। कई बार हम अंदर से किसी काम को करने के लिए तैयार होते हैं और आपको वही करने का मौका मिल जाता है। ‘लुकाछिपी’ में काम करने के चलते ही मुझे ये फिल्म मिली थी। ‘लुकाछिपी’ हालांकि बहुत ही हल्की फुल्की फिल्म थी जबकि ‘मिमी’ बहुत ही भावुक फिल्म है। ‘लुकाछिपी’ में एक बहुत ही इमोशनल सीन था, जिसे देखने के बाद मुझे ‘मिमी’ का चुनौतीपूर्ण रोल सौंपा गया।’

 

 

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