टैक्सी-मैक्सी संचालकों की हड़ताल खत्म, परिवहन मंत्री ने दिया आश्वासन
उत्तराखंड : पुरानी टैक्सी और मैक्स वाहनों में स्पीड गवर्नर अनिवार्य नहीं करने समेत अन्य मांगों को लेकर पर्वतीय टैक्सी-मैक्सी महासंघ ने शनिवार को परिवहन मंत्री से वार्ता के बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। देर शाम टैक्सी-मैक्सी वाहनों का संचालन शुरू कर दिया गया। जिसके चलते 10 दिन बाद पहाड़ जाने वाले यात्रियों को राहत मिली है। शनिवार को देवप्रयाग के विधायक विनोद कंडारी के नेतृत्व में पर्वतीय टैक्सी-मैक्सी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से मिला। जिस पर मंत्री ने पुराने वाहनों में स्पीड गवर्नर अनिवार्य न करने को लेकर जल्द केंद्रीय परिवहन मंत्री के साथ उनकी वार्ता कराने का आश्वासन दिया। इसके अलावा उन्होंने स्पीड गवर्नर पर राहत दिलाने के लिए विधिक राय लेने के बाद केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की बात कही।
विधायक कंडारी ने बताया कि परिवहन मंत्री ने ओवरलोड होने पर तीन महीने के लिए लाइसेंस निरस्त करने के मामले में मामले की जांच कर निस्तारण करने का आश्वासन दिया है। ग्रीन कार्ड की अनिवार्यता को व्यवहारिक बनाने के लिए समिति का गठन किया गया है। वर्ष 2017 में परमिट, फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस में केंद्र सरकार की ओर से की गई शुल्क वृद्धि में संशोधन के लिए भी केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की बात कही गई है। वहीं, अन्य मांगों पर भी सहमति बनी है। जिसके चलते टैक्सी-मैक्सी संचालकों ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया। देर शाम टिहरी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग आदि जगहों के लिए वाहन चलने से यात्रियों को राहत मिली।
बता दें कि पर्वतीय टैक्सी-मैक्सी महासंघ 10 दिनों से हड़ताल पर था। जिस कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। महासंघ के अध्यक्ष राकेश बर्तवाल ने हड़ताल खत्म कराने के लिए विधायक विनोद कंडारी आभार जताया। इस मौके पर प्रमोद नौटियाल, भरपूर सिंह रावत, सुभाष मलिक, ईश्वरीय प्रसाद, पवन कोठियाल आदि मौजूद रहे। उधर, दून गढ़वाल टैक्सी यूनियन के सचिव सत्यदेव उनियाल ने भी हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी।
परिवहन मंत्री ने स्पीड गवर्नर मामले में विधिक राय लेने के साथ ही केंद्रीय परिवहन मंत्री के पास प्रतिनिधिमंडल भेजने का आश्वासन दिया है। जिसके चलते महासंघ ने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है।
राकेश बर्तवाल अध्यक्ष, पर्वतीय टैक्सी-मैक्सी महासंघ
ये है टैक्सी-मैक्सी महासंघ की प्रमुख मांगें
. पुराने वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने में दिक्कत आ रही है, ऐसे में स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता खत्म की जाए।
. ओवरलोडिंग पर चालक का लाइसेंस तीन महीने के लिए निरस्त करने, चालक पर केस दर्ज करने एवं ओवरलोडिंग पर जुर्माना गलत है। इनमें से किसी एक अभियोग के लिए एक ही सजा दी जाए।
. दुर्घटना होने पर चालक के साथ-साथ वाहन स्वामी पर मुकदमा गलत है, ऐसा न किया जाए।
. पर्वतीय मार्गों पर वाहन चालक के लिए सीट बेल्ट की अनिवार्यता खत्म हो।
. यात्रा के समय प्रदेश के वाहनों को ग्रीन कार्ड की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए।
. पर्वतीय मार्गों पर टैक्सी-मैक्सी वाहन ही आवागमन का एकमात्र साधन हैं, ऐसे में वाहन में में लगी सीडी एवं छत यथावत रखी जाए।
. ओवरलोडिंग का जुर्माना पूर्व की तरह 250 रुपये प्रति सीट रखा जाए।
. वर्ष 2017 में केंद्र सरकार की ओर से परमिट, फिटनेस, डीएल आदि में की गई अतिरिक्त फीस वृद्धि को वापस लिया जाए।
. प्रदेश में अभी तक कोई परिवहन नीति नहीं है। ऐसे में राज्य की परिवहन नीति बनाई जाए।
. स्वस्थता प्रमाणपत्र समाप्त होने पर प्रतिदिन की 50 रुपये पेनाल्टी को पूर्व की भांति किया जाए।
. हर वर्ष वाहनों के बीमा पर की जाने वाली बढ़ोतरी रोकी जाए।
. वाहनों के प्रपत्र परिवहन कार्यालय में जमा करने की अवधि को तीन महीने से बढ़ाकर एक वर्ष किया जाए।
. वर्ष में दो बार फिटनेस करने वाले वाहनों पर फिटनेस फीस एक ही समय ली जाए।
. पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से अनावश्यक उत्पीड़न न किया जाए।