सतपुली में खेत में काम कर रही महिला को गुलदार ने बनाया निवाला..
उत्तराखंड: पहाडों में जानवरों ने अलग ही दहशत फैला रखी हैं। कही गुलदार तो कही भालू लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। अब उत्तराखंड के सतपुली में पोखड़ा ब्लाक की ग्राम पंचायत मजगांव के डबरा गांव में ही देख लीजिये यहाँ बृहस्पतिवार सुबह घर के नजदीक खेतों में काम कर रही एक 52 वर्षीय महिला को गुलदार ने हमला कर मार दिया। क्षेत्र पंचायत प्रमुख पोखड़ा प्रीति देवी का कहना है कि डबरा गांव में बृहस्पतिवार सुबह करीब 11:30 बजे खेत में काम कर रही गोदांबरी देवी (55) पत्नी ललिता प्रसाद को गुलदार उठा ले गया।
महिला के चिल्लाने पर ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े और गुलदार का पीछा किया। काफी खोजबीन के बाद महिला का शव घटनास्थल से सौ मीटर दूर जंगल से बरामद हुआ। सूचना मिलते ही चौबट्टाखाल के तहसीलदार श्रेष्ठ गुनसोला और गढ़वाल वन प्रभाग के दमदेवल की रेंजर सुचि चौहान मय टीम मौके पर पहुंचीं। घटना के बाद से आसपास के गांवों में गुलदार की दहशत बनी हुई है। गुलदार घटनास्थल के आसपास ही घूम रहा है।
ग्रामीणों ने गुलदार को नरभक्षी घोषित करने की मांग को लेकर राजस्व विभाग और वन विभाग की टीम का घेराव किया। गुलदार को मारने के आदेश जारी होने तक उन्होंने शव को नहीं उठाने दिया। इस दौरान ग्रामीणों की वन और राजस्व कर्मियों से नोकझोंक भी हुई। अधिकारियों ने किसी तरह ग्रामीणों को समझाकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए कोटद्वार भेजा।
रेंज अधिकारी सुचि चौहान ने कहा कि परिजनों को अंत्येष्टि आदि के लिए मुआवजे की प्रथम किश्त के रूप में 50 हजार रुपये की नगद धनराशि दे दी गई है। गांव में पिंजरा लगाने के साथ ही वन कर्मियों की गश्त लगवाई जा रही है। उच्चाधिकारियों को शिकारी की तैनाती की संस्तुति की गई है। उधर, गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ मुकेश कुमार ने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र लिखकर गुलदार को नरभक्षी घोषित कर पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने या मारने की अनुमति मांगी। जिसके बाद मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने गुलदार को पकड़ने और पकड़ में न होने पर मारने के आदेश जारी कर दिए हैं।