दिव्यांग महिला की लाचारी का फायदा उठा कर युवक ने किया दुराचार , अब सलाखों के पीछे काटनी पड़ेगी उम्र कैद
उत्तराखंड : महिला की लाचारी का फायदा उठाकर उसके साथ दुराचार करने वाला युवक अब अपनी आखिरी सांस तक जेल में सड़ेगा।
सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने मानसिक रूप से कमजोर महिला से बलात्कार के मामले में रानीखेत तहसील के डोल गांव (सूरी) निवासी खुशाल सिंह पुत्र भगोत सिंह को धारा 376 (2) में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने जुर्माने की राशि पीड़िता के नवजात शिशु के लिए जाने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने आदेश में कहा है कि अभियुक्त अंतिम सांस तक जेल में ही रहेगा।
मामले के मुताबिक मानसिक रूप से क मजोर महिला का 18 साल पहले विवाह हुआ था। उसका पति भी शारीरिक रूप से दिव्यांग है। दिसंबर 2017 में जब महिला अपने मायके गई तो उसने अपनी मां को बताया कि डोल निवासी खुशाल सिंह ने उसके साथ बलात्कार किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। इसके बाद महिला के पिता ने राजस्व उप निरीक्षक सूरी के यहां खुशाल सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। बाद में महिला ने एक कन्या को जन्म दिया। अभियुक्त खुशाल सिंह का डीएनए टेस्ट कराया गया, जिसमें उसके जैविक पिता होने की पुष्टि हुई।
विवेचनाधिकारी ने खुशाल सिंह के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष ने अदालत में सात गवाह परीक्षित कराए।