उत्तराखंड

व्यास घाटी में फंसे 62 यात्रियों और स्थानीय लोगों का चिनूक समेत तीन हेलीकॉप्टरों से किया रेस्क्यू..

व्यास घाटी में फंसे 62 यात्रियों और स्थानीय लोगों का चिनूक समेत तीन हेलीकॉप्टरों से किया रेस्क्यू..

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: व्यास घाटी के सात गांवों में फंसे 62 आदि कैलाश यात्री और स्थानीय लोगों का चिनूक, एलएच और एक निजी हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। ये लोग पूजा के लिए व्यास घाटी में गए थे लेकिन बारिश के चलते सड़क बंद होने के कारण वहीं फंस गए थे।

आज हेलीकॉप्टर से इन लोगों को वहां से निकाला गया जानकारी के अनुसार, चिनूक हेलीकॉप्टर से गुंजी से पिथौरागढ़ 32 लोग लाए गए। वहीं, वायुसेना के एलएच हेलीकॉप्टर से गुंजी से धारचूला 14 लोग सुरक्षित निकाले। साथ ही तीसरे प्राइवेट हेलीकॉप्टर से 16 लोगों का रेस्क्यू किया गया।

आपको बता दें कि क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से बीआरओ की तवाघाट-लिपुलेख सड़क मलघाट में दो हफ्ते से बंद है। इस कारण व्यास घाटी के बूंदी, गर्ब्यांग, गुंजी, नाबी, नपलच्यु, रोंगकोंग, कुटी गांवों में 62 से बुजुर्ग, महिलाएं, पुरुष और बच्चे फंस गए थे। गुंजी प्रधान सुरेश गुंज्याल एवं सरपंच लक्ष्मी गुंज्याल ने डीएम डॉ. आशीष चौहान और धारचूला एसडीएम नंदन कुमार से फंसे लोगों को रेस्क्यू करने की मांग की थी।

38 आदि कैलाश यात्रियों का पैदल मार्ग से किया गया रेस्क्यू..

बता दे कि 13 सितंबर को हुई अतिवृष्टि से तवाघाट-लिपुलेख हाईवे मलघाट में लगातार बंद है। इसके चलते जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान के आदेश पर एसडीआरएफ एनडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन के कर्मियों ने बूंदी, गर्ब्यांग और गुंजी में फंसे 38 आदि कैलाश यात्रियों का पैदल रेस्क्यू किया।

इन यात्रियों को जीआईसी जयकोट से तीन किलोमीटर पैदल यात्रा मार्ग से नारायण आश्रम लाया गया। तहसीलदार डीके लोहनी, कोतवाल धारचूला कुंवर सिंह रावत ने बताया कि वाहनों से मंगलवार देर रात यात्रियों को सकुशल धारचूला पहुंचाया गया। केएमवीएन धारचूला के प्रबंधक धन सिंह बिष्ट का कहना हैं कि 25, 26 और 27 वें दल के 29 यात्री धारचूला के केएमवीएन गेस्ट हाउस में रुके हैं। मोटर मार्ग खुलते ही इनको यात्रा के लिए भेज दिया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top