उत्तराखंड

20 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मिली बिल में बड़ी राहत..

20 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मिली बिल में बड़ी राहत..

 

उत्तराखंड : नियामक आयोग के आदेश के बाद यूपीसीएल के चीफ इंजीनियर कमर्शियल जेएस कुंवर की ओर से यह आादेश जारी किया गया है। इसके तहत अभी तक एक माह का बिजली का बिल 45 दिन पर तय होता है। बिल दो माह में आता है। कई बार 50 दिन और कभी 65 दिन पर दो माह का बिल आता है।

प्रदेश के करीब 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं को हर दो माह या एक माह में आने वाले बिल में बड़ी राहत मिली है। नियामक आयोग के आदेश के बाद यूपीसीएल ने बिलिंग अवधि में परिवर्तन लागू कर दिया है। इसके तहत अब 45 के बजाए 25 से 35 दिन में एक माह और 75 के बजाए 55 से 65 दिन में दो माह का बिजली बिल आएगा।

नियामक आयोग के आदेश के बाद यूपीसीएल के चीफ इंजीनियर कमर्शियल जेएस कुंवर की ओर से यह आादेश जारी किया गया है। इसके तहत अभी तक एक माह का बिजली का बिल 45 दिन पर तय होता है। बिल दो माह में आता है। कई बार 50 दिन और कभी 65 दिन पर दो माह का बिल आता है।

इससे 50 से 65 दिन के भीतर बिजली उपभोक्ताओं की बिजली खपत 400 यूनिट से ऊपर चली जाती है। इतनी यूनिट होने की वजह से प्रति माह उपभोक्ताओं को 135 रुपये फिक्स चार्ज देना पड़ता है। बिजली यूनिट की दर भी यूपीसीएल के टैरिफ के हिसाब से 5.40 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से लगती है।

अब यह बिल 25 से 35 दिन के भीतर आएगा। इससे उपभोक्ता को 200 यूनिट के हिसाब से पैसा देना होगा। यूनिट कम होने की वजह से यहां फिक्स चार्ज भी 80 रुपये ही लगेगा। प्रति यूनिट के हिसाब से भी 5.40 के बजाए 3.45 रुपये भुगतान करना होगा। नियामक आयोग के निदेशक पीके डिमरी के मुताबिक, बिलिंग साइकिल में जो विषमता थी, वह अब दूर हो गई है।

इस तरह हो रहा था उपभोक्ताओं को नुकसान..

अगर एक उपभोक्ता को 48 दिन का बिल जारी किया जाता है तो 351 यूनिट पर उसका बिल 1456.65 रुपये आता है। अगर एक उपभोक्ता को 38 दिन पर बिल जारी किया गया तो 325 यूनिट पर 1616.25 रुपये बिल आता है। दरअसल, 351 यूनिट वाले से 200 यूनिट के 2.80 रुपये और 151 यूनिट का चार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से वसूला गया।

इसी हिसाब से फिक्स चार्ज लिया जाता है। 325 वाले उपभोक्ता से 100 यूनिट का 2.80 रुपये, 101 से 200 यूनिट का चार रुपये प्रति यूनिट और 125 बची हुई यूनिट का 5.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान लिया जाता है। यानी कम यूनिट खर्च वाले से ज्यादा बिल और ज्यादा खर्च वाले से कम बिल। यह विषमता इस आदेश के बाद खत्म हो जाएगी। मोटे तौर पर देखें तो 400 यूनिट वाले उपभोक्ता को 300 रुपये से अधिक का फायदा होगा।

 

 

 

 

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