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कुत्ते को चोट लगने पर 2 मासूमों को काटा ब्लेड से..

कुत्ते को चोट लगने पर 2 मासूमों को काटा ब्लेड से..

देश-विदेश : नाबालिग से काम करवाना कानून अपराध है. इसके बावजूद कई ऐसे लोग हैं जो घरों में नाबालिग बच्चों से काम करवाते हैं. हजारीबाग में बहुत ही गंभीर वारदात सामने आया है, जहां 6 और 8 साल की दो बहनों को एक घर में काम करने के लिए रखा गया और उनकी दिन भर पिटाई की गई. आलम यह है कि वह अस्पताल में भर्ती हैं.

 

 

हजारीबाग बड़ा बाजार थाना अंतर्गत हुडहुडु बाबा पथ की विद्या विहार कॉलोनी में रहने वाली आशा चौधरी के घर में दो नाबालिग बच्ची के साथ क्रूरता की हद पार कर दी गई थी. दरअसल, आशा चौधरी घर में दो नाबालिग बच्चियों से पिछले 3 महीने से काम करवा रहीं थीं. उनमें से बड़ी बच्ची जिसकी उम्र 8 वर्ष है उसके साथ क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए मारपीट की गई.

 

 

आलम यह रहा कि पूरे हाथ को ब्लेड से काट दिया गया. जब इससे भी मन नहीं भरा तो पीठ पर डंडे से मारा गया. जिससे पूरे पीठ पर चोट के निशान उभरे हुए हैं. अब उसका इलाज हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है. चाइल्ड लाइन इस पूरे मामले को देख रही है. घटना के बारे में बताया जा रहा है कि आशा चौधरी के घर में दोनों बच्ची पालतू कुत्ते के साथ खेल रही थी.

 

 

कुत्ते को चोट लगने पर घरवालों को गुस्सा आ गया और उन्होंने बच्चे की पिटाई कर दी. जब मारपीट और रोने की आवाज बहुत दूर तक जाने लगी तो पड़ोसियों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी और उसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया.

 

 

पीड़िता बच्ची ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि वह घर पर बर्तन, झाडू ,पोंछा और सारा काम करती है. जिसके बाद दो वक्त खाना उन्हें दिया जाता है. खाना भी खुद उन्हें ही बनाना पड़ता है. जब काम करने में देर होती है तो पिटाई होती है. बच्ची ने बताया कि मूल रूप से वह रांची महुआ टोली की रहने वाली है. उसके पिता कहीं काम करते हैं. मां घर पर रहती है. गरीबी के कारण उसे यहां काम में लगा दिया गया.

 

 

इस पूरे प्रकरण पर बड़ा बाजार थाना प्रभारी का कहना है कि, ‘हम लोग इस मामले को काफी गंभीरता से ले रहे हैं. चाइल्ड हेल्पलाइन इस मामले की जांच कर रही है. हम लोगों को लिखित आवेदन दिया जाएगा. अगर लिखित आवेदन नहीं भी दिया जाएगा, तो हम लोग स्वत संज्ञान लेकर एफ आई आर दर्ज करेंगे.

 

 

इधर, चाइल्ड लाइन की पदाधिकारी का कहना है कि, ‘हम लोग बच्ची का इलाज मेडिकल कॉलेज में करवा रहे हैं. जो बच्ची ने बताया है उस पर जांच की जा रही है. प्रथम दृष्टि से तो यह स्पष्ट है कि उसके साथ बहुत बुरी तरह से मारपीट की गई है.

 

 

वहीं, आरोपी के घर में घटना घटने के बाद ताला लगा हुआ है. पड़ोसियों का कहना है कि वह कहीं बाहर चले गए हैं. घटना हम लोगों को सोचने पर विवश कर रही है कि जहां एक ओर सरकार बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा दे रही है तो दूसरी और बेटियों के साथ ऐसी हैवानियत हो रही है. जरूरत है प्रशासन आम जनता और सामाजिक संगठन को सक्रियता के साथ आगे आने की, तभी हम बेटियों को सुरक्षित रख सकते हैं.

 

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