जिला पंचायत में नहीं होने दिया जायेगा भ्रष्टाचार: कंडारी..
मनमाने तरीके से किये जा रहे कार्यो का होगा विरोध..
रुद्रप्रयाग। कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत सदस्य सिल्ला बमणगांव वार्ड कुलदीप सिंह कंडारी ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग श्रीमती अमरदेई शाह अपनी मनमानी कर रही हैं। जो जिला पंचायत सदस्य उनका विरोध कर रहे हैं, उनको वह विकास विरोधी बता रही हैं। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष की मनमानी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सभी जिला पंचायत सदस्य जिले के विकास में साथ दे रहे हैं।
जिला पंचायत सदस्य कुलदीप सिंह कंडारी ने कहा कि पहली बार जब श्रीमती अमरदेई शाह अध्यक्ष बनी थी तो सभी जिला पंचायत सदस्यों ने विकास के लिए उन्हें अपनी निधि से 48 लाख रूपये दिये थे, लेकिन इस पैंसे की बंदरबांट हुई। जिसके बाद सभी सदस्यों ने यह निधि बंद कर दी। अध्यक्ष पर कई प्रकार के भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जिसके बाद अध्यक्ष के खिलाफ 14 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लाये। उन्होंने कहा कि दोबारा उपचुनाव होने के बाद अमरदेई शाह अध्यक्ष बनी, लेकिन वह अब यह कहकर धमकाने का प्रयास कर रही हैं कि बहुमत से चुनकर आई हूं। उन्होंने कहा कि अच्छा होता यदि अध्यक्ष जिले के विकास पर ध्यान देती, ना कि धमकाने पर। उन्होंने कहा कि दोबारा उप चुनाव होने के बाद जो पहली बोर्ड बैठक हुई, उसमें 40 बिंदु रखे गये थे। 33 बिंदुओं पर सभी की सहमति बन गई थी, लेकिन इस बीच अध्यक्ष जिला निधि स्वयं बांटने की बात कहने लगी।
जो कि सरासर गलत है। जिला निधि जिले के विकास के लिए है और इसका आवंटन सभी सदस्यों को विश्वास में लेकर होना चाहिए। इस निधि पर जिपंअ का कोई एकाधिकार नहीं है। कंडारी ने कहा कि कोई भी सदस्य जिले के विकास में विरोध पैदा नहीं कर रहा है। सदन की बैठक में सोनप्रयाग में गेस्ट हाउस निर्माण, सीतापुर पार्किंग व फाटा में शौचालय, मोहनखाल में पुराने गेस्ट हाउस का ट्रीटमेंट सहित जिला पंचायत में मिटिंग हाॅल निर्माण के लिये धनराशि देने पर स्वीकृति बनी। इसके बावजूद अध्यक्ष जबरन गलत आरोप लगा रही हैं।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष विवेकाधीन कोष मांग रही थी, लेकिन पुराने कार्यकाल को ध्यान में रखते हुए कुछ सदस्यों ने विवेकाधीन कोष देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व में जिला पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष ने सदन की सहमति के बगैर ही मनमाने तरीके से कुछ निविदाएं निकाली थी और कहा था कि यह विशेष अनुदान है, लेकिन बाद में यह पता चला कि यह कोई विशेष अनुदान नहीं, बल्कि जिला पंचायत का ही पैंसा है। जिसके बाद विरोध किया गया और निविदाएं निरस्त करवाई गई। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत जिले के विकास के लिए है, ना कि भ्रष्टाचार करने के लिए। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष हो या अधिकारी या सदस्य, किसी को भी भ्रष्टाचार नहीं करने दिया जायेगा।