उत्तराखंड

देर रात तक पेयजल स्रोत पर पानी भरने को मजबूर हैं महिलाएं..

ग्राम पंचायत मरोड़ा के डोब में पानी का गंभीर संकट गहराया..

सड़क निर्माण से क्षतिग्रस्त हो गई है योजनाएं..

उत्तराखंड क्रांति दल ने गांव पहुँचकर सुनी समस्याएं..

उत्तराखंड: विकासखंड अगस्त्यमुनि की ग्राम पंचायत मरोड़ा के डोब गांव में पानी का गम्भीर संकट बना हुआ है। स्थिति इतनी विकराल हो गई है कि ग्रामीण महिलाएं देर रात तक पेयजल श्रोत पर बूंद-बूंद पानी भरने को मजबूर हैं।

दरअसल, वर्ष 2018 में जिला योजना से ग्राम डोब, धांदड़ चौरीधार तोक के लिए पेयजल लाइन बिछाई गई थी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जसोली से भुनका मोटरमार्ग निर्माण से पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई। इस योजना की मरम्मत को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार विभागीय अधिकारियों से वार्ता की, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई।

 

गांव में ही एक प्राकृतिक जलस्रोत था, जिससे मवेशियों के लिए पानी की पूर्ति होती थी, लेकिन यह पेयजल श्रोत भी कोट-घोलतीर मोटरमार्ग निर्माण से क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में ग्रामीणों के साथ ही मवेशी भी पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस गए हैं।

वहीं उत्तराखंड क्रांति दल की टीम ने गांव में पहुँचकर ग्रामीणों की समस्या सुनी। उन्होंने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को जल्द से जल्द पेयजल योजना को ठीक करने को कहा। उन्होंने कहा कि पानी की समस्या के कारण महिलाओं और बच्चों को रात भर पेयजल श्रोत पर पानी भरना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द पेयजल लाइन दुरुस्त नहीं हुई तो पीएमजीएसवाई कार्यालय का घेराव किया जाएगा।

 

पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मनोरी लाल, रमेश लाल, रघुवीर लाल, उषा देवी, रंजना देवी, प्रकाश लाल, मोहन कुमार लिखवार, श्याम लाल का कहना है कि पानी के संकट के कारण उनके सभी दैनिक कार्य प्रभावित हो गए हैं। पानी न होने से गांव से कई परिवारों ने पलायन कर दिया है। उन्होंने कहा कि जल्द पानी की समस्या से निजात नहीं मिली तो पूरा गांव खाली हो जाएगा। देर रात तक पेयजल स्रोतों पर पानी भरने से जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है। उन्होंने पेयजल लाइन की मरम्मत की मांग की है।

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