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अमेरिका में दंगों के बीच तिरंगा लहराने वाला आखिर कोन था वो शख्स..

तिरंगा लहराने

अमेरिका में दंगों के बीच तिरंगा लहराने वाला आखिर कोन था वो शख्स..

देश-विदेश : अमेरिकी संसद भवन में हुए ट्रंप समर्थकों के हंगामे की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है। छह जनवरी को हुई इस हिंसा में माहौल गरम,जब उसमें एक व्यक्ति भारत का राष्ट्र-ध्वज तिरंगा लहराते हुए दिख गया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहुत बहस चल पड़ी कि ट्रंप समर्थकों के उपद्रव में भारत के तिरंगे की क्या जरूरत थी। यही नहीं बीजेपी सासंद वरुण गांधी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बीच भी ट्विटर पर ‘जंग’ शुरू हो गई।

 

तिरंगा लहराने वाले शख्स की हुई पहचान..

तिरंगा लहराने वाले शख्स का सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ जमकर वायरल। केरल में इस शख्स की पहचान कोच्चि के विन्सेंट जेवियर पालाथिंगल के तौर पर हुई है। एक अंग्रेजी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जेवियर पालाथिंगल ने अपने फेसबुक पोस्ट पर इस घटना को लेकर विस्तार रूप से जानकारी दी है। जेवियर पालाथिंगल किसी हिंसा में शामिल होने के लिए नहीं गए थे। बल्कि वे सिर्फ चुनाव में धोखाधड़ी के खिलाफ प्रदर्शन करने गए थे।

 

जेवियर ने क्या कहा..

जेवियर का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप की रैली हमेशा से ही बहुत मजेदार होती है और आज भी ट्रंप की रैली में कोई अपवाद नहीं था। उन्होंने कहा कि यूएस कैपिटल की सिक्योरिटी को तोड़ने करीब 50 या उससे भी कम लोग दीवार फांदकर कैंपस में घुस गए थे। उन लोगों ने वहाँ खिड़कियां तोड़ दीं और मौजूद पुलिस फोर्स पर हमला बोल दिया। लेकिन इसका कारण ये नहीं है कि आप लाखों शांतिपूर्ण प्रदर्शनकर्ताओं को उठाकर फेंक दें।

 

खराब किया गया कुछ अपराधियों द्वारा इवेंट..

तिरंगा फहराने वाले कुछ अपराधियों द्वारा इस इवेंट को खराब कर दिया गया है,और हिंसा को भड़काई गई। वह केवल शांतिपूर्ण प्रदर्शन था। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का बिल्कुल भी अफसोस नहीं है कि मैं वहां राष्ट्र-ध्वज तिरंगा लेकर गया। जेवियर ने कहां है कि मैं एक गौरवान्वित भारतीय अमेरिकी हूं जो डोनाल्ड ट्रंप का समर्थक हूँ। रिपोर्ट के अनुसार, जेवियर 1992 से ही अमेरिका में रह रहे हैं और पेशे से एक इंजीनियर हैं।

 

जेवियर ने किया तिरंगे का अपमान..

जेवियर ने बताया कि इससे पहले वो डेमोक्रैटिक पार्टी के समर्थक थे और दो बार बराक ओबामा को वोट दे चुके हैं। जेवियर का कहना है कि ट्रंप के समर्थकों को लगा था कि दबाव बनाए जाने पर चुनावी धोखाधड़ी पर अमेरिकी संसद में कम से कम दस घंटे तक तो बहस होगी, लेकिन वहां हिंसा के चलते-2 सब कुछ बेकार हो गया। सोशल मीडिया पर जेवियर को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। लोगों का कहना है कि उन्होंने हिंसा में तिरंगा लहराकर भारत का अपमान किया है। केरल में उनकी खूब आलोचना हुई है।

 

क्या है पूरा मामला..

ट्रंप का आरोप है कि चुनाव में धांधली हुई है और इसी वजह से जो बाइडेन ने जीत हासिल की है। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा था कि उन्हें अमेरिकी चुनाव के नतीजे स्वीकार नहीं हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा था। बुधवार को ट्रंप के हजारों समर्थक अमेरिकी संसद भवन में घुस गए। इन सबने संसद के संयुक्त सत्र को रोकने की कोशिश की।

 

संवैधानिक प्रक्रिया के समय संसद के संयुक्त सत्र में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत की पुष्टि होनी थी। ट्रंप समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हो गयी। इस घटना में चार लोगों की मौत भी हो गई। जो लोग कैपिटल बिल्डिंग में घुसे थे ट्रंप ने उन्हें ट्विटर पर देशभक्त कहा था। इसके बाद हिंसा भड़काने के आरोप में फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर ने ट्रंप के अकाउंट पर अनिश्चितकाल प्रतिबंध लगा दिया था।

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