उत्तराखंड के इस युवक ने लंदन में बजाया जीत का डंका..
उत्तराखंड: बागेश्वर जिले के ग्राम चामी के मूल निवासी गौरव पांडे ने लंदन के डर्बी शहर में हुए निकाय चुनाव में काउंसलर पद पर जीत हासिल की है। लगातार पांच बार हारने के बाद छठे प्रयास की जीत का श्रेय गौरव ने अपनी पत्नी गिन्नी सच्चर को दिया है।
गौरव का कहना है कि सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम और कुछ कर गुजरने की जिद होनी जरूरी है। अगर इरादा पक्का हो तो सफलता कभी ना कभी मिलकर ही रहती हैं। चामी गांव के मूल निवासी स्व. हरीश चंद्र पांडेय और मंजुला पांडेय के पुत्र गौरव का जन्म ओडिसा में हुआ था। उनके पिता एमईएस में थे। बाद में उनका परिवार जम्मू जाकर बस गया। वर्ष 2003 में गौरव शेफ के तौर पर लंदन के डार्बी शहर चले गए। कुछ वर्ष बाद वह फूड हाइजीन संबंधी प्रशिक्षण देने लगे।
इसी दौरान उनका रुझान राजनीति की ओर हुआ और वह कंजर्वेटिव पार्टी से जुड़ गए। गौरव के परिवार में पत्नी गिन्नी सच्चर और दो बच्चे भी हैं। गौरव वर्ष 2015 से निकाय चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन उन्हें लगातार हार का सामना करना पड़ा रहा था।
लेकिन इस बार उन्होंने 13 साल से जीत रहे पॉल जेम्स पेग को हराकर जीत हासिल की। पेग को 1034 जबकि गौरव को 1227 मत हासिल हुए। उन्होंने मैकवर्थ एंड मॉर्ले वार्ड से कंजर्वेटिव पार्टी के प्रत्याशी के रूप में यह चुनाव जीता है। निकाय चुनाव में गौरव समेत चार लोगों ने दावेदारी की थी।
उक्रांद के केंद्रीय संगठन मंत्री गिरीश गोस्वामी ने भी गौरव की जीत पर प्रसन्नता जताई है। उनसे फोन पर हुई बातचीत में गौरव ने बताया कि वह बचपन में तीन बार चामी गांव आए थे। पहली बार वह वर्ष 1982 में आए थे। उस समय उनकी उम्र मात्र छह वर्ष थी। दो साल बाद वर्ष 1984 में गांव में भोलेनाथ के जागर में शामिल होने के लिए वह परिवार के साथ आए थे। 11 वर्ष की उम्र में 1987 में वह एक बार फिर से गांव आए थे। जिसके बाद से उनका गांव आना नहीं हो सका।
हालांकि वर्ष 2017 में वह उत्तराखंड की सैर पर आए थे। इस दौरान वह जागेश्वर समेत नैनीताल और भीमताल में रहने वाले रिश्तेदारों से मिले थे। गौरव की माता मंजुला पांडेय और बहन मीना जम्मू के उधमपुर में रहते हैं। उनके बड़े भाई का परिवार अहमदाबाद में रहता है। गौरव के चुनाव जीतने पर मां और बहन बेहद खुश हैं।