उत्तराखंड

उत्तराखंड में भी कर सकेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन , 10 फरवरी से होगी यात्रा…

उत्तराखंड में भी कर सकेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन , 10 फरवरी से होगी यात्रा…

उत्तराखंड में भी अमरनाथ की तर्ज पे होंगे बाबा बर्फानी दर्शन…

देहरादून : सब कुछ उम्मीदों के अनुरूप रहा तो श्रद्धालु आगामी 10 फरवरी से चमोली जिले के चीन सीमा से लगे गांव नीती के टिम्मरसैंण स्थित गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे। शीतकाल में यहां बर्फ से बनने वाले शिवलिंग और स्थानीय लोगों की आस्था को देखते हुए शासन ने यह निर्णय लिया है।

इस यात्रा का उद्देश्य जहां श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को नए धार्मिक और पर्यटन स्थलों से परिचित कराना है, वहीं स्थानीय लोगों की आजीविका के रूप में भी इसे कारगर कदम माना जा रहा है। फिलवक्त पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर की ओर से जिलाधिकारी चमोली को इस संबंध में आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए गए हैं।

चमोली जिले में ब्लॉक मुख्यालय जोशीमठ से करीब 82 किमी की दूरी पर देश का अंतिम गांव नीती है। गांव से एक किमी पहले मुख्य मार्ग से करीब 700 मीटर की दूर टिम्मरसैंण नामक स्थान पर महादेव की एक छोटी-सी गुफा है।

ग्रीष्मकाल में स्थानीय गांवों के लोग गुफा में पूजा-अर्चना को पहुंचते हैं। वहीं, शीतकाल में यहां महादेव बर्फ से बने शिवलिंग के रूप में दर्शन देते हैं। इस जानकारी से सबसे पहले ‘दैनिक जागरण’ ने देश-दुनिया को परिचित कराया था।

अपर आयुक्त गढ़वाल मंडल हरक सिंह रावत ने भी बीते वर्ष नवंबर में यहां पहुंचकर बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। उन्होंने इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर आयुक्त के अलावा शासन को भी भेजी थी। इसमें फरवरी के दौरान यहां भी अमरनाथ की तर्ज पर यात्रा शुरू कराने का सुझाव दिया गया था।

इसी क्रम में शासन ने आगामी दस फरवरी से यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया है। अपर आयुक्त गढ़वाल मंडल हरक सिंह रावत ने बताया कि इस संबंध में सचिव पर्यटन की ओर से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में इस यात्रा के बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।

बबूक उडियार में बनता है शिवलिंग..

अपर आयुक्त ने बीते वर्ष स्थानीय लोगों से भी महादेव के इस रूप में प्रकट होने संबंधी जानकारी जुटाई। बताया गया कि जिस स्थान पर बर्फ का शिवलिंग दिखाई देता है, उसे स्थानीय लोग बबूक उडियार के नाम से जानते हैं। हालांकि, पहले इसकी जानकारी सिर्फ स्थानीय लोगों को होती थी।

भारत-तिब्बत (चीन) सीमा पर स्‍थित है नीती गांव

नीती गांव उत्‍तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र के नीती घाटी में स्थित है। भारत-तिब्बत (चीन) सीमा पर नीती आखिरी गांव और चौकी है। नीती गांव 3600 मीटर की ऊंचाई पर दक्षिणी तिब्बती सीमा के पास स्थित है। यहां से 5800 मीटर की दूरी पर नीती दर्रा स्थित है, जो भारत को तिब्बत से जोड़ता है। सर्दियों के दौरान नीती गांव और घाटी भारी बर्फ से ढक जाती है। नीती गांव के ग्रामीण अभी भी जीवन शैली के पारंपरिक तरीकों का पालन करते हैं।

सर्दियों के दौरान नीती गांव के निवासी घाटी में हिमालय के निचले इलाकों में चले जाते हैं और वैकल्पिक गांव में रहते हैं। जब बर्फ पिघलती है और गर्मी का मौसम शुरू होता है तो नीती गांव एक बार फिर से आबाद हो जाता है। आमतौर पर अप्रैल से अक्टूबर माह तक नीती गांव स्थानीय लोगों से भरा रहता है। नीती के पास कुछ अन्य गांव भी हैं जैसे- घमशाली, बम्पा, फरक्या, कैलाशपुर, मैहर गांव, मलारी, कोशा, झेलम, तोलमा, लता, फगती, रैणी और तपोवन आदि हैं। पर्यटक नीती गांव के साथ अन्‍य स्‍थानों पर आते हैं, लेकिन नीती गांव आने वाले पर्यटकों को एसडीएम जोशीमठ से अनुमति लेनी होती है।

कैसे पहुंचे नीती गांव

नीती गांव में सड़क, रेल और वायु मार्ग से पहुंचा जा सकता है। नीती गांव जोशीमठ से 88 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां टैक्‍सी से पहुंचा जा सकता है। सबसे पास रेलवे स्‍टेशन देहरादून ( 380 किमी) और ऋषिकेश (346 किमी) है। देहरादून जोलीग्रांट एयरपोर्ट से भी पर्यटक आ सकते है।

यह गुफा स्थानीय लोगों को छोड़ देश-दुनिया के नक्शे से ओझल है। स्थानीय लोग तो इन दिनों बर्फानी बाबा के दर्शन कर भी रहे हैं। प्रतिवर्ष मार्च से अप्रैल के द्वितीय सप्ताह तक गुफा में बर्फानी बाबा के दर्शन होते हैं। लेकिन, इस बार बर्फबारी का दौर जारी रहने के कारण अप्रैल आखिर तक बर्फानी बाबा के दर्शन हो सकते हैं।

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