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सीएम योगी बोले, 23 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी, नहीं कर पाऊंगा पिता के अंतिम दर्शन

–योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का दिल्ली एम्स में निधन, मंगलवार को हरिद्वार में अंत्येष्टि

-सीएम योगी ने पिता के निधन पर जारी किया भावुक पत्र, परिजनों से बाद में मिलेंगे

-बोले योगी पूर्वाश्रम के जन्मदाता ने दिया लोकमंगल को समर्पित संस्कार

देहरादून। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिता के निधन की खबर मिलते वक्त सीएम योगी कोरोना महामारी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण बैठक ले रहे थे। बैठक में ही सीएम ने अपने पिता के निधन का भावुक शोक संदेश जारी किया। अपने संदेश में योगी ने लिखा कि पूर्वाश्रम के जन्मदाता पूज्य पिता के कैलाशवासी होने पर भारी दुख हुआ। पिता के अंतिम दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, लेकिन कोरोना के चलते 23 करोड़ जनता के हितों का कर्तव्यबोध से ऐसा संभव नहीं हो पायेगा। ऐसे में अपनी माता और परिजनों को बाद में दर्शन को आने की बात कही गई।

देश के सबसे बड़े राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ वाकई योगी पुरुष है। अभी तक वह देश मे अपने काम और बड़े फैसलों से लोगों के दिलों में बसे थे। लेकिन पिता के निधन पर लिए गए फैसले से हर कोई उनकी सोच को सल्यूट कर रहा है। योगी आदित्यनाथ को जब पिता के निधन के समाचार मिला तो वह दुखी हो गए। इस पर अफसरों ने बैठक स्थगित करने का अनुरोध किया। मगर, योगी ने अपने आप पिता के निधन पर शोक संदेश लिखा। इसमें योगी ने कहा कि पिता के अंतिम दर्शन करने की इच्छा थी। किंतु कोरोना महामारी के चलते 23 करोड़ जनता की जिम्मेदारी उनके ऊपर है। लॉक डाउन और कोरोना को हराना की तैयारी के बीच वह नहीं जा पा रहे है। योगी ने अपनी माता और परिजनों से कहा कि उनके दर्शन करने वह जरूर बाद में आएंगे।

कल हरिद्वार में होगा योगी के पिता का अंतिम संस्कार

मूल रूप से यमकेश्वर में पंचूर गांव के योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट कुछ समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। निधन के बाद पार्थिव शरीर गांव लाया गया। जहां अंतिम दर्शन के बाद मंगलवार को हरिद्वार में अंतिम संस्कार होगा। सीएम योगी ने अपने शोक संदेश में लिखा की कि अंतिम संस्कार के दौरान लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करें। अंतिम संस्कार में कम से कम लोग जाएं।

राज्यपाल और सीएम ने जताया शोक

उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट के निधन पर उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गहरा दुख जताया है। इसके अलावा देश के कई मुख्यमंत्री, मंत्रियों और गणमान्य लोगों ने शोक जताया है। इधर, सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकॉल (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ के पिता आनन्द सिंह बिष्ट के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवारजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

डॉ धन सिंह पहुंचे योगी के गांव पंचुर

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता स्वर्गीय आनन्द सिंह बिष्ट सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन में सामाजिक दायित्यों का निर्वहन बखूबी किया। शिक्षा के क्षेत्र में आनंद सिंह बिष्ट का अतुलनीय योगदान रहा है। उन्होंने यमकेश्वर में एक महाविद्यालय की स्थापना की थी, जहां वर्तमान में सैकड़ों बच्चे अध्यनरत हैंं। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि शोकाकुल परिवार के साथ उनके पारिवारिक संबंद्ध है साथ ही वह उनके काफी निकट भी रहे। वहीं उन्होंने बताया कि वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के पैतृक गांव पंचुर चले गए है। वह कल 21 अप्रैल को अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। वहीं उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत भी कल अंतिम संस्कार में शामिल होने पंचुर गांव पहुंचेंगे।

कवि कुमार विश्वास ने ये लिखा निधन पर

किसी भी जाति-समाज-राष्ट्र या व्यक्ति की परीक्षा संकटकालीन घड़ियाँ होती है ! आज हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूज्य पिता उत्तराखंड में दिवंगत हो गए ! सनातन संस्कारों में संन्यस्त होते समय ही एक साधु स्वयं अपने हाथों से अपना व अपने समस्त संसारी सम्बन्धों का पिंडदान कर देता है ! आज मुख्यमंत्री को जब अपने पूर्वाश्रम के पिता के दिवंगत हो जाने का समाचार मिला तो वे प्रदेश के उच्चाधिकारियों के साथ कोरोना संकट पर बैठक कर रहे थे ! मुख्यमंत्री व सभी अधिकारियों ने सूचना सुनी तो मुख्यमंत्री से सबने बैठक कुछ देर के लिए रोक देने को कहा ! किंतु मुख्यमंत्री ने न केवल बैठक जारी रखी, सारे सरकारी काम पूरे किए और फिर अपने शोक संदेश में कहा कि वे प्रदेश के नागरिकों के साथ जब तक कोरोना को पराजित नहीं कर लेंगे कहीं नहीं जाएँगे, अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं ! उप्र के नागरिक होने के नाते,इस विपदकाल में अपने मु०मंत्री @myogiadityanath द्वारा दिखाए गए इस अप्रतिम धैर्य व उत्तरदायित्व बोध पर मुझे व इक्कीस करोड़ प्रदेशवासियों को गर्व है ! चाहे वे पूर्वाश्रम के ही हों किंतु पिता तो पिता ही होते हैं ! (लोकतंत्र में सत्ता व सत्ताधीशों की आलोचना, जागरूक नागरिकों, कवियों, चिंतकों, पत्रकारों व बुद्धिजीवियों का अधिकार है किंतु…..कोई भी अगर कुछ भी अच्छा करें तो उसकी सराहना भी कर्तव्य है ! )

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