रुद्रप्रयाग जनपद को किया गया है ओडीएफ घोषित
ग्राम प्रधान ने ठेकेदार के लेबरों पर लगाया खुले में शौच करने का आरोप
जिलाधिकारी ने पंचायत भवन का किया निरीक्षण
रुद्रप्रयाग। जनपद को आंकड़ों में तो ओडीएफ घोषित कर लिया है, मगर ग्रामीण क्षेत्रों की हकीकत कुछ ओर ही कहानी बयां कर रही है। इस हकीकत की जमीनी पोल तब खुली जब जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल कार्यक्रम में भाग लेने ग्राम पंचायत रतूड़ा पहुंचे, जिस जगह पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उसके पास में ही स्थित पंचायत भवन के चारों ओर खुले में शौच करके गंदगी फैली हुई थी, जिसे देखकर जिलाधिकारी भी हैरान रह गये। ग्राम प्रधान को इस बारे मे ंपूछा गया तो प्रधान ने ठेकेदार के मजदूरों द्वारा गंदगी किये जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
जनपद को स्वजल विभाग द्वारा ओडीएफ घोषित किया गया है। यहां तक कि प्रदेश का पहला जनपद ही होगा, जिसे ओडीएफ घोषित करने की अधिकारियों को बहुत ही ज्यादा जल्दबाजी थी और मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री के हाथों पुरस्कार लेने की। मगर जिले की हकीकत यह है कि कईं पंचायत भवनों में शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है। इन पंचायत भवनों में सामूहिक कार्य किये जाते हैं और यहां पर शौचालय की ज्यादा आवश्यकता होती, लेकिन स्वजल विभाग की ओर से पंचायत भवन में
शौचालय का निर्माण नहीं करवाया गया है, जिससे पंचायत भवन के आस-पास गंदगी फैली हुई है, जो आने-जाने वाले लोगों को मुंह सिकोड़ने पर मजबूर कर देती है। शुक्रवार को जब जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल कार्यक्रम में भाग लेने रतूड़ा गांव पहुंचे तो वे राजीव गांधी पंचायत भवन के चारों ओर फैली गंदगी देखकर हतप्रभ रह गये। पंचायत भवन में शौचालय का दरवाजा टूटा मिला और शौच प्रांगण में ही की गई थी, जिस पर डीएम बिफर पडे़ और ग्राम प्रधान को तत्काल आदेश दिये कि सम्बन्धित निधि से शौचालय ठीक करवाया जाय और गंदगी को साफ करवाया जाय।
उन्होंने कहा कि स्वजल विभाग की ओर से रतूड़ा गांव को भी ओडीएफ घोषित किया गया है, लेकिन गांव के बीच स्थित राजीव गांधी पंचायत भवन के ये हालात हैं कि यहां आना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि ग्राम सभाओं को भी अधिकार दिये गये हैं कि यदि कोई व्यक्ति खुले में शौच करता है तो उसके विरुद्ध जुर्माने व अन्य कानूनी कार्यवाही की जाय।