उत्तराखंड

केदारनाथ में बारिश में नहीं भीगेंगे तीर्थयात्री


श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर मंगाये छाते
गौरीकुंड पैदल मार्ग से लेकर केदारधाम तक उपलब्ध कराये जायेंगे छाते
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिये अच्छी खबर है। अब यात्रियों को बारिश में भीगकर बाबा केदार के दर्शनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। केदारनाथ धाम सहित केदारनाथ पैदल मार्ग पर बारिश से बचने के लिये तीर्थ यात्रियों को प्रशासन की ओर से निःशुल्क छाते उपलब्ध कराये जाएंगे। प्रशासन को 26 सौ छाते प्राप्त हो चुके हैं, जिन्हें केदारनाथ धाम और केदारनाथ गौरीकुंड पैदल मार्ग पर भेजा जा रहा है।

आपदा के बाद इस बार केदारनाथ यात्रा पटरी पर लौटी है। हालांकि मानसून के कारण यात्रियों की संख्या में कुछ कमी आई है। केदारनाथ धाम अत्यधिक उंचाई पर होने के कारण अक्सर बारिष और बर्फबारी होती रहती है, जिस कारण यात्रियों को बारिष में भीगकर घंटों तक बाबा केदार के दर्षनों का इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो बारिष में भीगकर बाबा के भक्तों की तबियत बिगड़ जाती है, जिससे हालात बेकाबू हो जाते हैं।
श्रद्धालुओं को बारिश से परेशानी न हो, इसके लिये नवनियुक्त जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पहल से दिल्ली से छाते मंगवाये गये हैं। ये छाते केदारनाथ में श्रद्धालुओं को निःशुल्क दिये जाएंगे, जिनका प्रयोग बारिश के दौरान किया जायेगा।

छातों का उपयोग करने के बाद श्रद्धालुओं को छातों को वापस लौटाना होगा, जिससे अन्य श्रद्धालु भी उनका उपयोग कर सकें। केदारनाथ-गौरीकुंड 18 किमी पैदल मार्ग पर भी कुछ छाते रखे जाएंगे, जिन्हें बारिष के दौरान उपयोग में लाया जायेगा। कुछ छाते गौरीकुंड तो कुछ, रामबाड़ा, लिनचैली आदि स्थानों में रखे जाएंगे। इन छातों के रख-रखाव की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है।

वहीं जिलाधिकारी मंगेष घिल्डियाल ने कहा कि श्रद्धालुओं की दिक्कतों को देखते हुये छातों को मंगाया गया है। टीआईडीसी कम्पनी लक्सर हरिद्वार द्वारा 2600 छाते उपलब्ध कराए गए हैं। यह छाते गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक पूरे मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध रहेंगे। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि टीआईडीसी से केदारनाथ यात्रा के लिए छातों की डिमांड की गई थी, जिसको कम्पनी द्वारा सहर्ष स्वीकार किया गया। बरसात के दौरान पीआरडी के जवानों द्वारा श्रद्धालुओं को यह छाते दिए जाएंगे, जिसके बाद पुनः यात्रियों को इन छातों को वापस जमा करना होगा। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान यह छाते श्रद्धालुओं के लिए बेहद लाभदायक सिद्ध होंगे।

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