रुद्रप्रयाग में स्कोर्पियो नदी में समाई, दो की मौत, एक लापता…
घटना के दो घंटे बाद शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन..
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तहसील रुद्रप्रयाग के समीप एक स्कार्पियो मंदाकिनी नदी में जा समाई। हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि वाहन चालक लापता है। एक अन्य व्यक्ति वाहन दुर्घटना होते ही छिंटक गया। उसकी स्थिति सामान्य है। इसी व्यक्ति ने घटना की जानकारी दी।
जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे रद्रप्रयाग से तिलवाड़ा की ओर आ रही स्कार्पियो तहसील के समीप अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरी। हादसे में मौके पर मीनाक्षी सजवाण पुत्री गजेंद्र सिंह निवासी नारी गांव (सतेराखाल) की मौके पर मौत हो गई। वहीं एक अन्य महिला अलका असवाल पत्नी पंकज असवाल (27) निवासी गीड़ (तिलवाड़ा) की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।
वाहन चालक राकेश रावत पुत्र मोहन सिंह (40) निवासी नारी गांव स्कार्पियो सहित लापता है। वाहन में सवार अर्जुन सिंह पुत्र जगमोहन सिंह निवासी नारी गांव दुर्घटना होते ही वाहन से छिंटक गया था। तिलवाड़ा निवासी गौरव तिवारी और सौरभ तिवारी दोनों भाईयों ने अपनी कार से उन्हें अस्पताल पहुंचाया। अर्जुन ने ही वाहन में सवार लोगों की जानकारी दी। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर मयफोर्स मौके पर पहुंचे। उनके निर्देशन में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन घटना के दो घंटे बाद शुरू होने पर स्थानीय लोगों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया। एसडीएम रुद्रप्रयाग के मौके पर न पहुंचने पर लोगों ने नाराजगी जताई। जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने इसे घोर लापरवाही बताया और एसडीएम के तबादले की मांग की। उन्होंने कहा कि अधिकारी संवेदनहीन हो गए हैं। रुद्रप्रयाग जनपद इनके लिए आरामगाह बन गया है। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलने का समय आ गया है।
रेस्क्यू टीम के देरी से पहुंचने से लोगों में आक्रोश…
जिला मुख्यालय से पांच किमी दूरी पर तहसील के पास घटी घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आक्रोश जताया है। उन्होंने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी, सभासद संतोष रावत, प्रधान भूपेन्द्र जगवाण, भाजयुमो जिला महामंत्री विकास डिमरी, रविन्द्र जगवाण, भगवान जगवाण, महावीर जगवाण, रविन्द्र तरवाड़ा, अरविंद जगवाण ने कहा कि जिला मुख्यालय से पांच किमी की दूरी पर घटना घटने के बाद रेस्क्यू टीम दो घंटे बाद पहुंची।
इससे पहले ही स्थानीय लोग ही पहाड़ी से उतकर नीचे चले गये और घायल महिला को लेकर ऊपर आए। प्रधान संादर भूपेन्द्र जगवाण ने कहा कि एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर दो घंटे बाद पहुंची। अगर समय पर घायलों का रेस्क्यू कर उन्हें आॅक्सीजन दिया जाता तो उनकी जान बच सकती थी।
उन्होंने कहा कि घटना में दो महिलाओं ने अपनी जान गंवाई है, जबकि एक व्यक्ति लापता चल रहा है। कहा कि आपदा प्रबंधन की टीम जब पांच किमी के दायरे में दो घंटे देरी से पहुंच रही है तो दूरस्थ गांवों में घटना घटने पर क्या स्थिति होगी।