उत्तराखंड

मोबाइल टावर पर चढ़े दो आंदोलनकारी, मचा हड़कंप..

मोबाइल टावर पर चढ़े दो आंदोलनकारी, मचा हड़कंप..

उत्तराखंड: चमोली जिले में सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणो का सब्र गुरुवार को जवाब दे गया। गुरूवार दोपहर करीब उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब पुलिस आंदोलनकारियों को उठाने के लिए पहुंची। इसी दौरान दो आंदोलनकारी विरोध प्रदर्शन करते हुए मोबाइल टावर पर चढ़ गए। इस दौरान एक आंदोलनकारी टावर पर पानी देने के लिए चढ़ा और वापस नीचे उतर गया। दोनों आंदोलनकारी टावर से नीचे उतरने को तैयार ही नहीं है।

 

घाट और नंदप्रयाग सड़क चौड़ीकरण करने की मांग को लेकर ग्रामीणों का आमरण अनशन गुरूवार को पांचवे दिन भी जारी था। पुलिस सुबह अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों को उठाने पहुंची थी, लेकिन भारी विरोध के चलते नहीं उठा पाई। इस दौरान ग्रामीणों की पुलिस से तीखी झड़प भी हुई, और व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी। वाहन चालकों ने अपने वाहन भी वहीं खड़े कर दिए।

 

इसी दौरान एक आंदोलनकारी गुड्डू लाल धरनास्थल घाट से तीन किमी दूर टावर पर चढ़ गया। वहीं, एक आंदोलनकारी को देखकर दूसरी ओर से मदन सिंह उर्फ मद्दी भी पास ही के टावर पर चढ़ गया। इसके बाद वहां हंगामा खड़ा हो गया। पुलिस के बहुत समझाने पर भी वे नीचे नहीं उतरे। धरनास्थल पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

 

आपको बता दें कि ग्रामीण करीब एक महीने से धरना दे रहे हैं। वहीं, अब धरना आमरण अनशन में तब्दील हो चुका है। बुधवार को सीएचसी घाट से डा. धरना स्थल पर पहुंचे थे और आमरण अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों के स्वास्थ्य की जांच की थी। इसी दौरान उनके स्वास्थ्य में गिरावट भी दर्ज की गई। डा. ने बताया कि अनशनरत चारों लोगों के वजन में दो से तीन किलो की गिरावट आई है।

 

घाट बैंड तिराहे पर भूख हड़ताल पर बैठे लोगों का कहना हैं कि जब तक सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करती वो आंदोलन वापस नहीं लेंगे। उन्होंने आंदोलन को लेकर सरकार के रवैए पर भी नाराजगी जताई। कहा कि इतने दिनों से चल रहे आंदोलन की सरकार कोई सुध ही नहीं ले रही है।

 

वहीं, रविवार को ग्रामीणों ने अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन भी किया था। कर्णप्रयाग ब्लाक और घाट के 70 ग्राम पंचायतों के 7000 से अधिक ग्रामीणों ने एकजुट होकर घाट बाजार से नंदप्रयाग बाजार तक 19 किमी मानव श्रृंखला भी बनाई थी। वही ग्रामीणों का कहना है कि दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने सड़क को डेढ़ लेन चौड़ीकरण में तब्दील करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार की इस वादाखिलाफी पर ग्रामीणों में आक्रोश है। सरकार ने जल्द मांग न मानी तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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