उत्तराखंड

मंडुवा को नयी पहचान और आजीविका का साधन बनाने के लिए किया प्रेरित..

मडुवा को नई पहचान और आजीविका का साधन बनाने के लिए किया प्रेरित

डीएम ने आजीविका संघ द्वारा संचालित मंडुवा बिस्कुट यूनिट का निरीक्षण किया..

उत्तराखंड  : जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बुधवार को एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के तहत विकासखंड थराली में गठित नंदादेवी और गौरादेवी आजीविका संघ के अन्तर्गत संचालित मंडुवा बिस्कुट यूनिट एवं चप्पल यूनिट का धरातली निरीक्षण किया। आजीवका सबर्धन के लिए संघ के माध्यम से संचालित कार्यो की सराहना करते हुए जिलाधिकारी ने आजीविका संघ को मंडुवा बिस्कुट के अलावा यूनिट में पेस्ट्री, बर्थडे केक एवं अन्य बेकरी प्रोडक्ट भी तैयार कर प्रोजेक्ट को और विस्तृत करने पर जोर दिया। ताकि संघ से जुड़ी महिलाओं समूहों को और अच्छा लाभ मिल सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि आजीविका यूनिटों के वृहद स्तर पर संचालन के लिए हर संभव मदद दी जाएगी और इसमें विद्युत कनेक्शन से जुड़ी समस्या को जल्द दूर किया जाए। साथ ही स्थानीय उत्पादन को बढाने के लिए लोल्टी सहित अन्य ग्रोथ सेंटरों पर भी 3-फेस विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इस दौरान नन्दादेवी आजीविका संघ ने थराली में होम स्टे संचालन की मांग जिलाधिकारी के समक्ष रखी। जिस पर जिलाधिकारी ने आजीविका संघ को प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मंडुवे के बिस्कुट तैयार करने, इनोवेटिव कार्य के तहत यूनिट में चप्पल बनाने एवं उन्नत कृषि यंत्रों का गहनता से निरीक्षण किया।

आईएलएसपी के सहायक प्रबन्धक महेंद्र कफोला ने आजीविका यूनिटों के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को अवगत कराया कि थराली ब्लाक में नन्दादेवी आजीविका संघ 9 गांव के 91 उत्पादक समूह से जुड़े 592 सदस्यों के साथ आजीविका संबर्धन का कार्य कर रही है, जिसमें अपने समूह सदस्यों को उन्नत कृषि यंत्र, बीज, खाद एवं सदस्यों की मांग अनुसार उनको आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराया जा रहा है।

परियोजना के सहयोग से आजीविका संघ को 4680 रनिंग मीटर चैनंलिंक फेंसिंग, एलडीपीई टैंक, लघु संग्रहण केन्द्र, फार्म मशीनरी बैंक एवं अन्य कृषि संबधित गतिविधियों के लिए सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आजीविका संघ ने माह अप्रैल से अगस्त तक 7 लाख 45 हजार से अधिक का व्यवसाय किया है। इनोवेटिव गतिविधि के तहत आजीविका संघ ने 1 लाख 85 हजार की लागत से थराली में चप्पल बनाने हेतु यूनिट स्थापित की है

जिसके माध्यम से संघ अपने सभी समूह सदस्यों के अलावा आजीविका परियोजना थराली एवं पोखरी में गठित अन्य 13 आजीविका संघो को भी हर महीने चप्पल विक्रय कर 4 महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा रहा है। बताया कि आजीविका संघ हर महीने 300 से 500 जोड़ी चप्पल बना रहा है। वर्तमान तक आजीविका संघ को इस यूनिट से 95 हजार, 500 रुपये का टर्नओवर हो चुका है।

इसके अलावा गौरादेवी आजीविका संघ के माध्यम से कुलसारी में मंडुवा बिस्कुट यूनिट संचालित हो रही है। जिससे 4 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। गौरादेवी आजीविका संघ 8 गॉव के 52 उत्पादक समूहों के 355 सदस्यों के साथ कार्य कर लगभग 200 सदस्यों से 18 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम मंडुवा क्रय कर इस यूनिट को चला रही है। इस वित्तीय वर्ष में आजीविका संघ ने अभी तक 6 लाख का टर्नओवर कर लिया है।

भविष्य में आजीविका संघ मंडुवा बिस्कुट के साथ पेस्टी, बर्थडे केक एवं अन्य बेकरी प्रोडक्ट बनाने पर विचार कर रही है। जिलाधिकारी ने आर्थिकी संबर्धन के लिए आजीविका संघ के कार्यो की प्रशंसा करते हुए इसको और वृहद स्वरूप देने की बात कही। तक आजीविका संघ को इस यूनिट से 95 हजार, 500 रुपये का टर्नओवर हो चुका है।

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