जज के सुनाये हुए फैसले की हो रही है देश भर में तारीफ..
एक झटके में संवारा किशोर का भविष्य..
देश-विदेश : किशोर न्याय परिषद् के अध्यक्ष मानवेंद्र मिश्र के फैसले की फिर एक बार देश स्तर पर चर्चा हुई है. जज ने मारपीट के आरोप में एक किशोर को दोषमुक्त करते हुए एसपी को आचरण प्रमाण पत्र में इस मामले का उल्लेख नहीं करने का आदेश दिया है. इस आरोपी का असम राइफल (Assam Rifle) में राइफलमैन के रूप में चयन हो गया है और अगले महीने से इसे ज्वाइन करना है.
FIR में दर्ज था नाम..
अगर इस प्राथमिकी का उल्लेख उसके आचरण प्रमाण पत्र में कर दिया जाता है तो यह देश सेवा से वंचित हो जाता है. दरअसल, अस्थावां थाना इलाके में चापाकल के पानी निकास को लेकर दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी, जिसमें किशोर और उसके परिवार के सभी सदस्यों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
BSF में हुआ चयन..
इस मामले में JJB में आरोप पत्र सौंपा गया, उसके बाद आरोपित किशोर ने हिम्मत नहीं हारी और सही रास्ते पर चलकर समाज के सामने आदर्श पेश किया. किशोर ने 12 साल तक कोर्ट का चक्कर लगाने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और कड़ी मेहनत के परिणाम स्वरूप उसका BSF में चयन हो गया. अगले महीने इसकी जॉइनिंग भी है.
5 दिन के अंदर हुआ केस का ट्रायल..
इस फैसले की लोग सराहना कर रहे हैं. जज ने मात्र 5 दिन के अंदर मुकदमा को ट्रायल कर किशोर को बरी कर दिया. बता दें कि न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्र ने कई ऐसे फैसले सुनाए हैं जिसके कारण अपराध की दुनिया छोड़ किशोर समाज की मुख्य धारा से जुड़ चुका हैं.