देश/ विदेश

अलगाववादियों के साथ वह समझौता, जिससे सामने आ गई पुतिन की पूरी योजना..

अलगाववादियों के साथ वह समझौता, जिससे सामने आ गई पुतिन की पूरी योजना..

 

रूस कैसे करेगा यूक्रेन से जंग की शुरुआत..

 

देश – विदेश : रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने सोमवार को अपने एलान के साथ ही साफ कर दिया कि वे यूक्रेन पर हमला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और इसके लिए वे यूक्रेन को तोड़ने की कोशिश में जुटे अलगाववादियों का सहारा लेंगे।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद यूक्रेन के दो शहरों- डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र क्षेत्र घोषित कर दिया। इसके ठीक बाद पुतिन ने रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया कि सैनिकों की टुकड़ियां इन दोनों शहर भेजी जाएं और इन्हें यूक्रेन से अलग कराने के लिए संघर्ष कर रहे अलगाववादियों की मदद की जाए। पुतिन ने इस एलान के साथ ही साफ कर दिया कि वे यूक्रेन पर हमला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और इसके लिए वे यूक्रेन को तोड़ने की कोशिश में जुटे अलगाववादियों का सहारा लेंगे। ताजा खुलासे के मुताबिक, पुतिन ने इसके लिए बागियों से एक समझौता भी किया है, जिस पर सोमवार को हस्ताक्षर हुए।

क्या है पुतिन का बागियों से हुआ समझौता..

गौरतलब है कि यूक्रेन के सीमाई शहर डोनेत्स्क और लुहांस्क में सेना और बागियों के बीच पिछले आठ साल से जंग जारी है। रूस समर्थित अलगाववादियों ने इन दोनों शहरों के बड़े हिस्से पर कब्जा किया है और वे यहां अपना शासन भी चला रहे हैं। अब पुतिन ने सोमवार को बागियों से जो समझौता किया है, उसके मुताबिक रूस के पास अब यूक्रेन के अंदर डोनेत्स्क और लुहांस्क में सैन्य ठिकाने तैयार करने की आजादी होगी।

संयुक्त राष्ट्र और पूरी दुनिया फिलहाल डोनेत्स्क और लुहांस्क को यूक्रेन का हिस्सा ही करार देती है। इस लिहाज से इन दोनों क्षेत्रों में रूस की किसी भी तरह की सैन्य गतिविधि पूरी तरह अवैध होगी। इसके बावजूद अगर रूसी सैनिक डोनेत्स्क और लुहांस्क में अलगाववादियों की मदद करते हैं और जंग का हिस्सा बनते हैं, तो यूक्रेन उन पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा। हालांकि, यही रूसी राष्ट्रपति के पास जंग शुरू करने का मौका भी बन सकता है।

डोनेत्स्क और लुहांस्क पर कब्जे की क्या है तैयारी..

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस अभी अलगाववादियों से इन शहरों के लिए और भी कई समझौते करने पर विचार कर रहे हैं। इनमें एक समझौता सैन्य सहयोग और दोनों शहरों की सीमाओं की सुरक्षा से जुड़ा है। यानी यूक्रेन अगर रूसी सेना को डोनेत्स्क और लुहांस्क में घुसने से नहीं रोक सका तो रूस इन दोनों शहरों को यूक्रेन से अलग करने और इनमें अलगाववादियों का शासन स्थापित करने के लिए इनकी सीमाओं को यूक्रेन से काट सकता है। इसके लिए रूसी सैनिक खुद यूक्रेन की तरफ सीमा पर पहरे के लिए तैनात हो सकते हैं।

 

 

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