कश्मीर में अब तक का सबसे बड़ा हमला 44 जवान शहीद…
CRPF की बस को उड़ा दिया. इस हमले में 44 जवान शहीद हो गए हैं….
45 से अधिक जवान घायल हुए हैं. लगातार इस हमले के बाद नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही हैं….
देश-विदेश : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है जिसमें 44 जवान शहीद हो गए, जबकि 45 जवान घायल हुए. पुलवामा में सुरक्षाबलों के काफिले पर हुआ यह आत्मघाती हमला साल 2016 में उरी सेक्टर में सेना के कैंप पर हुए हमले से भी बड़ा है जिसमें 19 जवानों की मौत हुई थी. इस बड़े आतंकी हमले से जुड़ी कुछ अहम बाते हैं जिन्हें जान लेना बेहद जरूरी है:
दोपहर बाद 3:30 बजे यह हमला सुरक्षा बलों के एक काफिले पर हुआ जिसमें 70 गाड़ियां शामिल थीं. इस काफिले में 20 से अधिक बस, ट्रक और एसयूवी गाडियां थीं. सीआरपीएफ द्वारा जारी बयान के मुताबिक इस आत्मघाती हमले का शिकार 76Bn CRPF की बस हुई. जिसमें 39 जवान सवार थे. खुफिया एजेंसियों को इस हमले की आशंका थी. सात दिन पहले यानी 8 फरवरी को जारी अलर्ट में साफ कहा था कि कश्मीर में सुरक्षाबलों के डिप्लॉयमेंट और उनके आने-जाने के रास्ते पर आतंकी IED से हमला कर सकते हैं. अलर्ट के बावजूद यह हमला सुरक्षा में बड़ी चूक है.
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने लेते हुए उस स्थानीय कश्मीरी आतंकी का वीडियो जारी किया जिसे फिदायीन बताया जा रहा है. इस युवक की पहचान आदिल अहमद डार के तौर पर हुई जो पुलवामा जिले के काकपोरा का ही रहने वाला है. बताया जा रहा है कि आदिल पिछले साल फरवरी में मोस्ट वांटेड आतंकी जाकिर मूसा के गजवत उल हिंद में शामिल हुआ था और कुछ ही महीने पहले ही वह जैश में शामिल हुआ था.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर में जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर अब्दुल रशीद गाजी घाटी में दाखिल हुआ था. गाजी अफगानिस्तान में तालिबानियों के साथ लड़ाई लड़ने के साथ-साथ पीओके में जैश के कैंप में चीफ इंस्ट्रक्टर भी रह चुका है. बताया जा रहा है कि गाजी ने ही इस हमले में शामिल फिदायीन आदिल अहमद डार को IED ब्लास्ट की ट्रेनिंग दी थी. इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आतंकियों को सुरक्षाबलों के काफिले के गुजरने की खबर पहले से थी. इस हमले में एक आतंकियों ने एक गाड़ी का इस्तेमाल किया जिसमें विस्फोटक रखे थे और शहीदों की संख्या से अंदाजा लगाया जा सकता है कि संभवत: उन्होंने उस गाड़ी को निशाना बनाया जिसमें सबसे ज्यादा जवान सवार थे.
कश्मीर में आतंकियों के सफाए से पाकिस्तान में बैठा आतंक का आका मौलाना मसूद अजहर परेशान था. हाल ही में सुरक्षाबलों ने जैश आतंकी उस्मान और तलहा रशीद को मुठभेड़ में मार गिराया था. उस्मान मौलाना मसूद अजहर का भतीजा और तलहा रशीद भांजा थे. बताया जा रहा है कि इन दोनों की मौत का बदला लेने के लिए जैश द्वारा सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की साजिश थी.
हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गृह मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की और पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. पुलवामा आतंकी हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की 12 सदस्यीय टीम बनाई गई है. NIA की टीम शुक्रवार सुबह विशेष विमान से घाटी पहुंचेगी.
कश्मीर में हुए इस बड़े आतंकी हमले की चौतरफा निंदा हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा उन्होंने इस हमले को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह और उच्च स्तर के अधिकारियों से बात की है. उन्होंने कहा कि सेना के जवानों की शहादत जाया नहीं जाएगी. केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा कि जवानों के खून के एक-एक कतरे का बदला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक सिपाही और भारत के नागरिक के रूप में मेरा खून खौल रहा है.